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नोटबंदी से ज्यादा कठिन निर्णय शराबबंदी का : मोदी

पटना: नशामुक्ति दिवस पर अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नोटबंदी से ज्यादा कठिन निर्णय शराबबंदी का है. नोटबंदी का निर्णय एक बार लिया गया है. जबकि, शराबबंदी के निर्णय में रोजाना चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सीएम की हिम्मत को वह दाद देते […]

पटना: नशामुक्ति दिवस पर अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नोटबंदी से ज्यादा कठिन निर्णय शराबबंदी का है. नोटबंदी का निर्णय एक बार लिया गया है. जबकि, शराबबंदी के निर्णय में रोजाना चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सीएम की हिम्मत को वह दाद देते हैं. विपक्ष में होते हुए भी उन्होंने इस कानून का समर्थन किया था.

अगर परमिट के आधार पर शराब बेचने की आंशिक अनुमति मिलती, तो इसकी आड़ में बड़े स्तर पर शराब का कारोबार शुरू हो जाता. गुजरात आज इस समस्या से लड़ रहा है. नोटबंदी, शराबबंदी और जीएसटी जैसे निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार जैसे लोग ही चाहिए.


उन्होंने कहा कि अगर 10 वर्ष बाद यह निर्णय लिया जाता, तो इसे लागू करना संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के बाद अब ड्रग्स और नशा का प्रभाव बढ़ने लगा है, जिसे नियंत्रित करने की जरूरत है. पटना नगर निगम देश का पहला नगर क्षेत्र है. इसने केंद्र सरकार के उस कानून को अनुमति दी है, जिसमें किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सरकार का दायित्व सहूलियत मुहैया कराना है. परंतु नीतीश कुमार पहले सीएम हैं, जिन्होंने सामाजिक बुराइयों को दूर करने का काम किया है. नशामुक्ति अभियान का उदे्श्य बहुत बड़ा है.
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि शराबबंदी कानून लागू हुए डेढ़ वर्ष हुए हैं. इसके मूल्यांकन में 75 फीसदी अंक ही दिये जायेंगे. अभी 25 फीसदी नंबर पाना बचा हुआ है. सबसे बड़ी चुनौती अवैध धंधेबाज बने हुए हैं. सरकारी तंत्र के भी कुछ लोग इसमें मिले हुए हैं. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेढ़ गुना अधिक मादक पदार्थ बरामद हुए हैं. इसमें जन सहयोग की जरूरत है. कार्यक्रम को विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने भी संबोधित किया.

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