बेहतरी : बिहार की बदली परिस्थितियों से उन्हें बंधी है उम्मीद
पुष्यमित्र
बिहार में मानव तस्करी की स्थिति को समझने और यहां की मौजूदा स्थिति के बीच रास्ता निकालने के लिए रानी होंग तीन दिनों के लिए बिहार आयी हैं. वे इस दौरान यहां मानव तस्करी पर काम करने वाली संस्थाओं से मिलेंगी और साथ ही बिहार सरकार के मंत्रियों, पुलिस अधिकारियों और जूडिशियल एकेडमी के लोगों से मिल कर उन्हें मानव तस्करी के मसले पर काम करने के लिए प्रेरित करेंगी.
एयरपोर्ट पर प्रभात खबर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात ने खासा प्रभावित किया है कि बिहार के मुख्यमंत्री सामाजिक मुद्दों पर काम करने को इच्छुक हैं. यहां शराबबंदी जैसा महत्वपूर्ण काम हुआ है, जिसे हम मानव तस्करी की एक बड़ी वजह मानते हैं. इसके अलावा अब यहां बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है. इससे उम्मीद जगी है कि भारत का यह गरीब समझा जाने वाला राज्य इस दिशा में कुछ बेहतर करके दिखायेगा.
रानी ने कहा कि हमलोग शराब को मानव तस्करी की एक बड़ी वजह मानते हैं. अक्सर शराबी पिता अपने बच्चों को बेच देते हैं और कई दफा नशे के आदी लोग मानव तस्करी का काम करने लगते हैं. दुनिया के कई हिस्सों में शराबबंदी की कोशिशें हुईं, मगर वे सफल नहीं हो पायीं. मगर मैंने सुना कि बिहार में एक साल तक कड़ी शराबबंदी रही और इसे सफल माना जा रहा है. इसी वजह से हमें उम्मीद है कि यहां मानव तस्करी की दर में कमी आयेगी. उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा के अभियानों की भी सराहना की और कहा कि अंततः ये सभी अभियान मानव तस्करी की समस्या को भी कम करेंगे.
रानी की संस्था इन दिनों दुनिया भर के ऐसे संस्थाओं को फ्रीडम सील प्रदान कर रही है, जो बिल्कुल बाल श्रम मुक्त हैं.
इस साल वे मुंबई से इस योजना की शुरुआत करने जा रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही भारत की संस्थाएं, जैसे होटल, रिजार्ट, ढाबे, गैराज वगैरह इस सील को हासिल करने में दिलचस्पी दिखायेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में मानव तस्करी के मसले पर दुनिया भर के लोगों की समझ तो बेहतर हुई है, मगर इसको खत्म करने के लिए जिस स्तर के प्रयास होने चाहिए, वो हो नहीं रहे. मानव तस्करी एक अंधेरी दुनिया है जिसमें कोई नहीं झांकता. लेकिन अगर इस दुनिया को बेहतर बनाना है तो इस कलंक को खत्म करना होगा.
दुनिया भर के लिए चेहरा है रानी होंग
मानव तस्करी की शिकार बच्ची से यूएन एडवाइजर तक का सफर
महज सात वर्ष की उम्र में मानव तस्करी का शिकार हुई रानी होंग आज मानव तस्करी के खिलाफ दुनिया भर में आवाज उठाने वाले लोगों के बीच एक जाना पहचाना नाम है.
अमेरिका में ट्रोनी फाउंडेशन का संचालन करने वाली केरल की रानी होंग संयुक्त राष्ट्र में मानव तस्करी के मसले पर गठित समिति की स्पेशल एडवाइजर रह चुकी हैं और उनके प्रयासों से ही वर्ल्ड डे अगेंस्ट ट्रैफिकिंग इन परसन की शुरुआत हुई और वाशिंगटन राज्य एंटी ट्रैफिकिंग लेजिस्लेशन पास करने वाला अमेरिका का पहला प्रांत बना. उन्हें मानव तस्करी के मसले पर बात करने के लिए दुनिया भर में बुलाया जाता है. उनके पति ट्रोंग होंग भी मानव तस्करी का शिकार हो चुके हैं और फिलहाल दोनों ट्रोनी फाउंडेशन का संचालन करते हैं.