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दर्जनों बरखास्त शिक्षक भी ड्यूटी पर
अधिकारियों की खींचतान के कारण शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा असर नवादा (सदर) : जिले में इन दिनों वर्ष 2008 के शिक्षक नियोजन की बैकलॉक रिक्ति दिखा कर बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने का सिलसिला जारी है. विभाग के दो वरीय पदाधिकारियों की आपसी खींचतान के कारण शिक्षा व्यवस्था […]
अधिकारियों की खींचतान के कारण शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा असर
नवादा (सदर) : जिले में इन दिनों वर्ष 2008 के शिक्षक नियोजन की बैकलॉक रिक्ति दिखा कर बड़े पैमाने पर फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने का सिलसिला जारी है. विभाग के दो वरीय पदाधिकारियों की आपसी खींचतान के कारण शिक्षा व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
विभाग द्वारा न्यायालय के निर्देश के बाद बरखास्त किये गये तीन दर्जन से अधिक शिक्षक अभी भी अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं. विभाग की ओर से इस संबंध में कड़े कदम नहीं उठाये जाने का परिणाम है कि टीइटी पास एक व्यक्ति के नाम पर दर्जनों लोग विभिन्न प्रखंडों में शिक्षक बने बैठे हैं.
शिक्षा विभाग इन दिनों पूरी तरह से राजनीति का अखाड़ा बना बैठा है. वर्ष 2008 की रिक्तियों का सामंजस वर्ष 2012 के टीइटी में किया गया था. इसके बावजूद भी अपीलीय प्राधिकार का हवाला देकर वर्ष 2008 से अकबरपुर, मेसकौर व नारदीगंज जैसे कई प्रखंडों में मोटी रकम लेकर धड़ल्ले से बहाली की जा रही है. और तो और विभागीय अधिकारियों द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों की वेतन भी शुरुआत की जा रही है.
शिक्षा विभाग से जुड़े कई लोगों ने बताया कि जिले में छह सौ से अधिक वैसे शिक्षक कार्यरत हैं जो वर्ष 2008 की रिक्ति का हवाला पाकर योगदान किया है. जबकि दो सौ से अधिक वैसे भी शिक्षक विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत हैं, जिनके एक नाम पर कई जगह शिक्षक बन बैठे हैं. शिक्षा विभाग का विगत आठ वर्षों की बारीकी से जांच की जाये तो एक हजार से अधिक वैसे फर्जी शिक्षक का नाम सामने आ जायेगा जो गलत प्रमाण-पत्र देकर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं.
बुधवार को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के समीप दो शिक्षकों के बीच मारपीट का मामला भी इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. कुछ लोगों का मानना है कि जिला शिक्षा स्थापना के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा भी बड़े पैमाने पर ऐसी नियुक्ति करायी गयी है, जिसका विरोध एक शिक्षक वर्ग द्वारा किया जा रहा है.
इसी घटना को लेकर विरोध करने वाले शिक्षक की पिटाई की गयी है. पता चला है कि जिला शिक्षा विभाग में डीपीओ व जिला शिक्षा पदाधिकारी के बीच समुचित तालमेल नहीं रहने के कारण भी शिक्षा व्यवस्था का हाल बुरा बना हुआ है.
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