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जेइ के संदिग्ध रोगियों पर रखें नजर

सजग. चिह्नित मरीजों का उपलब्ध कराएं प्रतिवेदन, जिले के प्रभारियों को किया गया अलर्ट बिहारशरीफ : जानलेवा जेइ/एइएस के संदिग्ध रोगियों पर रखी जाय पैनी नजर. जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. साथ ही चिह्नित होने वाले मरीजों का प्रतिवेदन जिला स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध […]

सजग. चिह्नित मरीजों का उपलब्ध कराएं प्रतिवेदन, जिले के प्रभारियों को किया गया अलर्ट

बिहारशरीफ : जानलेवा जेइ/एइएस के संदिग्ध रोगियों पर रखी जाय पैनी नजर. जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. साथ ही चिह्नित होने वाले मरीजों का प्रतिवेदन जिला स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है.
ताकि प्रतिवेदित होने वाले रोगियों का सहज रूप से चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके. प्रतिवेदित होने वाले रोगियों को इलाज उपलब्ध कराने के प्रति तत्परता दिखाने की हिदायत दी गयी है. जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता बराबर सुनिश्चित रखने की भी हिदायत प्रभारियों को दी गयी है.
पिछले साल प्रतिवेदित हुए मरीजों को लेकर सजग है विभाग
नालंदा जिले में पिछले साल जेइ/एइएस के ‌(जापानी इंसेफलाइटिस)मरीज प्रतिवेदित हुए थे,उसके मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इस साल सजग है. गत साल जिले के विभिन्न प्रखंडों में इसके मरीज चिह्नित हुए थे.
लिहाजा जिन प्रखंडों में रोगी की पहचान हुई थी उस क्षेत्रों में प्रभारियों को विशेष नजर रखने के लिए को कहा गया है.कहीं से भी इसके संदिग्ध मरीज मिलने की सूचना मिले तो तुरंत वहां पर पहुंचकर रोगी की चिकित्सीय जांच तुरंत करें और प्रारंभिक तौर पर इलाज शुरू कर दिया जाये. इस कार्य में कतई शिथिलता नहीं बरतने को कहा गया है. गत साल एक दर्जन इसके मरीज प्रतिवेदित हुए थे.
शुद्ध पेयजल आपूर्ति की हो व्यवस्था
जेइ/ एइएस की रोकथाम के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होना बहुत नितांत आवश्यक है.एक शोध के मुताबिक दूषित जल से भी यह बीमारी फैलती है.अतएव इससे बचाव के लिए लोगों को शुद्ध व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ.मनोरंजन कुमार ने बताया कि इसके मद्देनजर सिविल सर्जन डॉ सुबोध प्रसाद सिंह ने पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को पत्र देकर आग्रह किया गया है कि शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा ठोस पहल की जाय.पिछले साल जिन क्षेत्रों में मरीज प्रतिवेदित हुए थे उसकी सूची उपलब्ध कराकर वहां स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो.
ताकि लोग स्वच्छ व शुद्ध पेयजल पी सकें.साथ ही संबंधित क्षेत्रों के पानी की जांच करने की व्यवस्था की जाय.यदि पानी में इस रोग के बैक्टिरिया पाये जाते हैं तो उस पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की दिशा में पहल की जाय,ताकि पेयजल को स्वच्छ बनाया जा सके.इतना ही नहीं चापाकलों के पास चबूतरा बनाने की दिशा कदम उठाया जाय.ताकि चापाकलों के पास गंदगी नहीं फैल सके.पानी स्वच्छ रह सके.उन्होंने बताया कि इसके लिए बिहारशरीफ व हिलसा पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को पत्र देकर उक्त व्यवस्था करने का आग्रह किया गया है.गत साल एक दर्जन गांवों में एक दर्जन मरीज मिले थे.
कर्मियों को बताये गये इलाज के टिप्स
बिहारशरीफ. सजगता के साथ रोगियों को उपलब्ध करायें इलाज .रोग का लक्षण मिलने के बाद रोगियों का समय पर जांच कर इलाज शुरू किया जाय.बुधवार को जिला मलेरिया पदाधिकारी एवं डीएलओ डॉ. रविन्द्र कुमार ने राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यक्ष्मा व लेप्रोसी के रोगों की पहचान करने के लिए टिप्स बताये.
कहा कि जिन लोगों में दो से अधिक सप्ताह से खांसी की शिकायत हो तो अविलंब बलगम की जांच कराने की सलाह संबंधित लोगों को दें.डीएलओ डॉ.कुमार ने इस दौरान अनुमंडलीय अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे कई मरीजों की जांच कर इलाज भी किया.उन्होंने इस दौरान दो मरीजों को सीबीनैट जांच के लिए जिला यक्ष्मा अस्पताल में रेफर किया.

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