मुजफ्फरपुर : चुनाव चिह्न मिलने के साथ ही प्रत्याशियों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. अहले से सुबह से रात तक वार्ड के हर गली-मोहल्लों की तो वे खाक छान ही रहे हैं, प्रचार के लिए सोशल साइट्स का भी जम कर प्रचार कर रहे हैं. इसमें फेसबुक अहम जरिया बना हुआ है. जो चंद दिन पहले तक चुनिंदा लोगों को ही अपने फ्रेंड लिस्ट में रखते थे,
प्रत्याशी बनने के बाद वे वार्ड के उन तमाम लोगों को फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेज रहे हैं, जो उनके चुनाव क्षेत्र से हैं. फेसबुक पर प्रत्याशियों के प्रचार का अंदाज भी कुछ निराला है. एक राजनीति पार्टी से जुड़े नेता, जो पहली बार चुनावी मैदान में हैं, उन्हें कप प्लेट चुनाव चिह्न मिला है. तो पहले तो उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर अपनी व चुनाव चिह्न की तसवीर वाली हैंडबिल व मत पत्र के नमूने पोस्ट किये, फिर कुछ नया दिखाने के लिए अपने दोनों हाथों में कप-प्लेट थाम कर खींचवायी फोटो शेयर की है. ऐसा नहीं है कि फेसबुक पर प्रचार का जिम्मा सिर्फ प्रत्याशियों ने ही थाम रखा है, उनके परिजन भी इसमें खूब बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं.
जिले में एक खेल संगठन से जुड़े अधिकारी की भाभी भी इस बार चुनाव मैदान में हैं. उन्हें हवाई जहाज चुनाव चिह्न मिला है. अधिकारी ने इसे अपने फेसबुक अकाउंट में कुछ अलग अंदाज से बताया है. हवाई जहाज की तसवीर पोस्ट करते हुए लिखते हैं, ‘आखिर मिल ही गया भौजी को.’ कुछ खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. लेकिन, आरक्षण रोस्टर के कारण जब झटका लगा तो वे अब फेसबुक पर अपनी पत्नी के पक्ष में अभियान चला रहे हैं. लेकिन, उनके पोस्ट में पत्नी कम, खुद ज्यादा दिख रहे हैं.