मुजफ्फरपुर : अप्रैल माह में शहर के कई इलाकों में जल स्तर दस फुट नीचे चले जाने से शहरवासियों को जल संकट से जूझना पड़ रहा है. निगम के पंप से लेकर घर के मोटर तक जवाब देने लगे हैं. जल संकट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पानी के लिए लोगों को रतजगा तक करना पड़ रहा है. सबसे खराब स्थिति सिकंदरपुर, बालूघाट, बीबीगंज, चंदवारा, मिठनपुरा, अघोरिया बाजार, आमगोला, ब्रह्मपुरा आदि के मोहल्ले में हैं. जहां सैकड़ों परिवार पानी के लिए निगम के नलके पर घंटों इंतजार करते रहते हैं. महिलाएं व बच्चे बाल्टी लिये एक नल से दूसरे नल की ओर भागते नजर आ रहे हैं.
आलम यह है कि पीने व खाना बनाने के लिए भी लोगों को भी सोचना पड़ रहा है. मारवाड़ी पंप, सिकंदरपुर के दोनों पंप का लेयर डाउन, सर्किट हाउस का पंप खराब, सिकंदरपुर ढलानी स्थित पीएचइडी का पंप चार दिनों से खराब है.
आनंदपुरी में एक माह से तरस रहे लोग
बीबीगंज आनंदपुरी मोहल्ले में तो पिछले करीब एक माह से लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. स्थानीय निवासी राहुल सिंह, चंदन कुमार झा, रघुवीर साह, रविंद्र सिंह, एके झा, प्रेम चंद्र, अशोक कुमार, एसपी सिंह, सुधीर, अमरेंद्र, अिनल कुमार िद्ववेदी, अखिलेश कुमार ने बताया कि रात में जागकर मोटर चलाना पड़ता है. एक घंटे में मुश्किल से 8 से 10 लीटर पानी भरता है. दिन में तो मोटर चलता ही नहीं, चापाकल भी सुख चुका है. पीने का पानी खरीद कर पी रहे है. कुछ पड़ोसी के घर में समरसेबल व चापाकल है जिनकी मदद से थोड़ा बहुत काम चलता है. लेकिन हमेशा किसी के घर जाकर पानी मांगना अच्छा नहीं है. हर कोई समरसेबल पंप तो नहीं लगा सकता है. एक दो लोग लगवाने की सोच रहे हैं लेकिन उसके लिए भी पानी की व्यवस्था नहीं है. निगम में पैसा जमा कराने के बाद दो दिन पानी का टैंकर मिला. एक माह से पूरा जन जीवन अस्त व्यवस्त हो चुका है. जबकि मोहल्ले के मुहाने में ट्रांसफॉर्मर तक पाइपलाइन आयी है लेकिन इस मोहल्ले में नहीं. करीब पचास से अधिक परिवार मोहल्ले में जल संकट झेल रहे हैं.
बालूघाट व सिकंदरपुर में चार दिनों से पानी नहीं
बालूघाट व सिकंदरपुर मोहल्ले में पिछले चार दिनों से जलापूर्ति नहीं हो रही है. सिकंदरपुर स्थित निगम के दाेनों पंप का लेयर नीचे चले जाने के कारण जलापूर्ति सही से नहीं हो पा रही है. वहीं ढलानी स्थित पीएचइडी पंप पिछले चार दिनों से खराब होने के कारण पूरे बालूघाट इलाके में जल संकट की स्थिति बनी हुई. इन दोनों मोहल्ले में बहुत बड़े स्लम एरिया आते हैं. जहां के सभी परिवार नगर निगम के नलके पर ही आश्रित है. इसको लेकर लोग सड़क पर उतरकर विरोध भी जता चुके हैं. लेकिन निगम प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है. बालूघाट स्लम एरिया के निवासी दीपक, रंजीत, विकास, गुड्डु आदि ने बताया कि चार दिनों से पीएचइडी पंप खराब है. पानी की एक-एक बूंद को तरस गये है. कमोबेश यही हाल सिकंदरपुर क्षेत्र का भी है.
किला चौक, दिन में एक घंटा मिलता है पानी
(मेहदी हसन चौक से किला चौक रोड में पिछले करीब दस दिनों से भीषण जल संकट की स्थिति बनी हुई है. स्थानीय निवासी मो परवेज, मो ओसी, मो शकील, मो रिंकू आदि ने बताया कि सुबह में मुश्किल से एक घंटा पानी मिलता है. पानी का फोर्स इतना धीमा रहता है किसी को पानी मिलता है तो किसी को नहीं. शाम को थोड़ा बहुत पानी मिलता है. इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत से अधिक आबादी इसी सरकारी नलके पर आश्रित है. लोग जैसे लोग दूर-दराज से पानी भरकर लाते हैं. पानी के कई पब्लिक पोस्ट व चापाकल खराब पड़े हुए हैं. इसे देखने वाला कोई नहीं है. हमलोगों का पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है.