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सूबे के 894 थाने सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर से होंगे लैस

31 जनवरी, 2017 से होना है लागू मुजफ्फरपुर : 31 जनवरी 2017 से जिला पुलिस सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर से जुड़ कर इंटीग्रेटेड हो जायेगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से सभी थाने में दो सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के एक्सपर्ट की बहाली होगी. दोनों एक्सपर्ट थाने के पुलिस जवानों व अधिकारियों को इस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग देंगे. इस सिस्टम […]

31 जनवरी, 2017 से

होना है लागू
मुजफ्फरपुर : 31 जनवरी 2017 से जिला पुलिस सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर से जुड़ कर इंटीग्रेटेड हो जायेगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से सभी थाने में दो सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के एक्सपर्ट की बहाली होगी. दोनों एक्सपर्ट थाने के पुलिस जवानों व अधिकारियों को इस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग देंगे.
इस सिस्टम को लागू होने से पूर्व जिला पुलिस के दो जवानों
सिकंदरपुर ओपी अध्यक्ष शफीर आलम और सकरा थाने के पूर्व थानाध्यक्ष सुरेंद्र मिश्रा को पुलिस मुख्यालय की ओर से एक माह की ट्रेनिंग दी जा चुकी है. सिस्टम के लागू होने के बाद से पुलिस कंप्यूटर फ्रेंडली हो जायेगा. थाने के हर छोटी से छोटी आैर बड़ी-से-बड़ी
गतिविधियों को ऑनलाइन संचालित किया जा सकेगा. एक छोटे आवेदन से लेकर स्टेशन डायरी तक ऑनलाइन भेजा जायेगा. यह
योजना बिहार के सभी 894 थाने में एक साथ 31 जनवरी 2017 को लागू किया जायेगा.
क्या है सीसीटीएनएस
अपराध व अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) एक प्लान स्कीम है, जो एक नॉन-प्लान स्कीम – कॉमन इंटेग्रटेड पुलिस एप्लीकेशन (CIPA) के अनुभव से विकसित हुआ है. सीसीटीएनएस भारत सरकार के राष्ट्रीय इ-गवर्नेंस प्लान के अधीन एक मिशन मोड परियोजना है. अपराध की जांच एवं अपराधियों की पहचान से संबंधित आइटी आधारित स्टेट ऑफ आर्ट ट्रैकिंग प्रणाली के विकास के लिए इस सिद्धांत को अपनाते हुए पुलिस की कार्यकुशलता तथा प्रभाव को बढ़ाने के लिए एक व्यापक एवं समेकित प्रणाली का निर्माण करना सीसीटीएनएस का उद्देश्य है. सीसीटीएनएस परियोजना के लिए भारत सरकार द्वारा 2000 करोड़ रू॰ का आवंटन किया गया है. आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीइए) ने इस परियोजना को दिनांक 19.06.2009 को अनुमोदित कर दिया था.
जांच करने में होगी सहूलियत
वैज्ञानिक तथा तकनीकी संगठनों जैसे फिंगर प्रिंट ब्यूरो, फॉरेंसिक लैब इत्यादि सहित पुलिस के पद सोपान में 6000 उच्च कार्यालयों जैसे कि मंडल, उप मंडल, जिला, रेंज, जोन, पुलिस मुख्यालयों, राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो जिनके पास जांच एवं अन्य उद्देश्यों के लिए सहायता एवं सूचना प्रदान करने के लिए अपेक्षित डाटाबेस है, इनके अतिरिक्त सीसीटीएनएस परियोजना के अधीन देशभर में लगभग 14000 पुलिस थानों को स्वचालित किये जाने का प्रस्ताव है. इसमें लगभग आधे से ज्यादा जगहों पर यह लागू कर दिया गया है.
क्या है उद्देश्य
पुलिस के कार्यों को नागरिक केंद्रित बनाना और पुलिस थानों में कार्यों को स्वचालित करके पारदर्शी बनाना.
आइसीटी के प्रभावी प्रयोग द्वारा नागरिक केंद्रित सेवाओं के वितरण में
सुधार करना
सिविल पुलिस के जांच अधिकारियों को टूल्स, तकनीकी तथा अपराध की जांच एवं अपराधियों की पहचान को सरल बनाने के लिए सूचना प्रदान करना
विभिन्न प्रकार के अन्य क्षेत्र जैसे कानून एवं व्यवस्था, यातायात प्रबंधन इत्यादि में पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार करना
पुलिस थानों, जिलों, सं. शा. प्रदेश मुख्यालयों तथा अन्य पुलिस एजेंसियों में परस्पर संवाद को सरल बनाना एवं सूचनाओं को सांझा करना
पुलिस बलों के बेहतर प्रबंधन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सहायता करना
न्यायालयों के मामलों सहित अन्य सभी मामलों की प्रगति का कार्य जारी रखना
नियमावली तथा अनावश्यक रिकॉर्ड के रखरखाव को कम करना
एसएसपी कार्यालय से ऑनलाइन एफआइआर इंडोर्स किया जा रहा है. कुछ मामले, जिनमें पीड़ित का नाम नहीं जाता है. उसको इंडोर्स नहीं किया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय से कंप्यूटर और अन्य संसाधन आने के बाद थाने स्तर पर भी ऑनलाइन एफआइआर और स्टेशन डायरी इंडोर्स किया जायेगा.
राजीव रंजन, एएसपी मुजफ्फरपुर

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