इससे बुधवार को एक भी जमीन रजिस्ट्री के लिए बैंक में चालान जमा नहीं हो सका. इस कारण सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान पहुंचा है. बैंक की नयी शर्त के बाद रजिस्ट्री बाधित होने से उत्पन्न हुई समस्या को जिला अवर निबंधक निलेश कुमार ने राज्य सरकार को अवगत करा दिया है. मुख्यालय से दिशा-निर्देश के बाद जमीन की रजिस्ट्री की जायेगी.
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चालान जमा करने में आड़े आया नियम, रजिस्ट्री रुकी
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद जमीन व मकान की रजिस्ट्री के लिए जमा होने वाले चालान में बैंक ने अड़ंगा लगा दिया है. बैंक ने चालान फॉर्म में तीन मद जैसे स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क व भूस्वामी शुल्क की राशि को अलग-अलग चालान में जमा करने की शर्त रख दी है. अब तक तीनों मद की […]
मुजफ्फरपुर: नोटबंदी के बाद जमीन व मकान की रजिस्ट्री के लिए जमा होने वाले चालान में बैंक ने अड़ंगा लगा दिया है. बैंक ने चालान फॉर्म में तीन मद जैसे स्टांप शुल्क, निबंधन शुल्क व भूस्वामी शुल्क की राशि को अलग-अलग चालान में जमा करने की शर्त रख दी है. अब तक तीनों मद की राशि एक ही चालान पर जमा होती आ रही है. इसके लिए पांच फॉर्म भरे जाते थे.
55 के बदले बैंक को देना होगा 165 रुपये : तीनों शुल्क की राशि को बैंक में चालान के जरिये जमा करने पर सरचार्ज के रूप में 55 रुपये सरकार बैंक को देती है, लेकिन अब अलग-अलग तीनों शुल्क का चालान जमा होने से सरकार को एक रजिस्ट्री पर 165 रुपये देना होगा. कंप्यूटर में इंट्री का चालान जमा होने पर उसका एकस्ट्रा भुगतान बैंक को करना होगा. इधर, बैंक ने इस नियम को रिजर्व बैंक की गाइड-लाइन बता रहा है. हालांकि, बैंक अधिकारियों ने भी बताया कि मामला फाइनेंस विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है. वहां से दिशा-निर्देश आने का इंतजार है.
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