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सूबे की जेलों के 20 दिन से सीसीटीवी कैमरे बंद

मुजफ्फरपुर : बेल्ट्रान कंपनी से करार खत्म होने की वजह से प्रदेश की जेलों के सीसीटीवी कैमरे पिछले 20 दिनों से बंद हैं. ऐसे में जेलों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कंपनी के साथ फिर से करार हुआ है, लेकिन कैमरे अभी तक शुरू नहीं किये जा सके हैं. ऐसे में जेलों […]

मुजफ्फरपुर : बेल्ट्रान कंपनी से करार खत्म होने की वजह से प्रदेश की जेलों के सीसीटीवी कैमरे पिछले 20 दिनों से बंद हैं. ऐसे में जेलों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कंपनी के साथ फिर से करार हुआ है, लेकिन कैमरे अभी तक शुरू नहीं किये जा सके हैं.

ऐसे में जेलों की सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या को और बढ़ा दिया गया है. प्रदेश की 55 जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इनमें आठ सेंट्रल जेल भी शामिल हैं, जिनमें हार्डकोर माओवादियों के साथ कई कुख्यात अपराधी सजा काट रहे हैं.
प्रदेश की सेंट्रल के साथ मंडल कारा व उपकारा में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगा गये हैं. हर सेंट्रल जेल में कम से कम 19 कैमरे लगे हैं, जबकि मंडल व उपकारा में 10 कम से कम दस कैमरे लगाये गये हैं. इनके जरिये जेल में होनेवाली गतिविधियों की निगरानी होती है, लेकिन पिछले दिनों कैमरा
लगानेवाली कंपनी बेल्ट्रान से करार खत्म हो गया. इसके बाद कैमरे बंद हो गये. इसके बाद जेल अधीक्षकों ने जेल आइजी समेत जिले के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा, जिसमें अपनी समस्या बतायी. कैमरे बंद होने के बाद कैदियों की सुरक्षा के लिए कक्षपाल की ड्यूटी बढ़ायी गयी है. जेल अधीक्षक सत्येंद्र कुमार कहते हैं कि कंपनी से संपर्क करने पर जल्द जेल में कैमरा लगाने की बात कही गयी है.
38 माओवादी बंद हैं जेल में
जेल में बंद कुख्यात अपराधियों व नक्सलियों को लेकर जेल प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है. केंद्रीय कारा में अभी 38 नक्सली बंद हैं. इसके अलावा दो दर्जन से अधिक कुख्यात अपराधी अन्य जेलों से स्थानांतरित होकर आये हैं. इन सभी की निगरानी सुरक्षाकर्मियों के अलावा सीसीटीवी कैमरे से की जाती है. इन दिनों जेल से फेसबुक अपडेट करने और मोबाइल से रंगदारी व धमकी देने के मामले लगातार हो रहे हैं.
कंपनी से खत्म हुआ करार
आठ सेंट्रल जेल व 47 अन्य जेलों में कैमरे बंद
जेलों में बढ़ायी गयी जवानों की संख्या
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