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कोर्ट से पहले ले लेते हैं चार्जशीट की कॉपी
मुजफ्फरपुर : ने में दर्ज एफआइआर मामले की चार्जशीट, केस डायरी व पर्यवेक्षण रिपोर्ट कोर्ट से पहले अभियुक्तों को मिल जाती है. इसका फायदा अभियुक्तों को मिलता है और वह जमानत हासिल करने में सफल हो जाते हैं. जिला लोक अभियोजक कामता प्रसाद की शिकायत को डीएम ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने लोक अभियोजक […]
मुजफ्फरपुर : ने में दर्ज एफआइआर मामले की चार्जशीट, केस डायरी व पर्यवेक्षण रिपोर्ट कोर्ट से पहले अभियुक्तों को मिल जाती है. इसका फायदा अभियुक्तों को मिलता है और वह जमानत हासिल करने में सफल हो जाते हैं. जिला लोक अभियोजक कामता प्रसाद की शिकायत को डीएम ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने लोक अभियोजक को उन मामलों की चार्जशीट, केस डायरी या जांच प्रतिवेदन की कॉपी नगर डीएसपी को उपलब्ध कराने को कहा है, जिसे अभियुक्त के माध्यम से कोर्ट में जमा किया गया है. मामले में संबंधित अनुसंधानक पर कार्रवाई का भी फैसला लिया गया है.
गबन के मामलों की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी थी कि थाना या किसी अन्य स्रोत से चार्जशीट, केस डायरी या जांच प्रतिवेदन की कॉपी अभियुक्तों को कोर्ट से पहले मिल जाती है. इससे अभियुक्त के वकील को यह पहले पता चल जाता है कि उनके मुवक्किल पर क्या आरोप है या फिर उन मामलों में कौन-कौन गवाह हैं. ऐसे में वे बेहतर तैयारी कर सुनवाई के दिन आते हैं. कभी-कभी तो गवाहों को प्रभावित करने का मामला भी सामने आता है.
कई बार इसके कारण अभियुक्त को जमानत भी मिल जाती है. एक अन्य मामला निम्न न्यायालय से अपीलीय न्यायालय में अभिलेख के आने में देरी का भी उठा है. इस पर डीएम ने निर्देश जारी किया है कि लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक ऐसे सभी लंबित मामलों की सूची तैयार करें, जिनका अभिलेख निम्न न्यायालय से अपीलीय न्यायालय को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. संबंधित लोगों को अपीलीय न्यायालय में जल्द-से-जल्द अभिलेख उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा जायेगा.
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