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जिले के 134 में 48 सरकारी अस्पताल ही हैं निबंधित

मुजफ्फरपुर : क्लीनिकों व नर्सिंग होम काे निबंधित करनेवाला स्वास्थ्य विभाग अब तक अपने अस्पतालों का ही निबंधन नहीं कर पाया है. जिले में सरकारी अस्पताल, पीएचसी व एपीएचसी मिला कर कुल 134 स्वास्थ्य सेंटर हैं. लेकिन, उनमें से अब तक 48 का ही निबंधन हुआ है. विभाग की ओर से इतने अस्पतालों की सूची […]

मुजफ्फरपुर : क्लीनिकों व नर्सिंग होम काे निबंधित करनेवाला स्वास्थ्य विभाग अब तक अपने अस्पतालों का ही निबंधन नहीं कर पाया है. जिले में सरकारी अस्पताल, पीएचसी व एपीएचसी मिला कर कुल 134 स्वास्थ्य सेंटर हैं. लेकिन, उनमें से अब तक 48 का ही निबंधन हुआ है. विभाग की ओर से इतने अस्पतालों की सूची मुख्यालय भेजी गयी है. सीएस ने विभाग के कार्यपालक निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों के आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. इनका औपबंधिक प्रमाणपत्र निर्गत होते ही इनकी सूची भेजी जायेगी.

जिले में चल रहे कई एपीएचसी के पास जमीन का कागज नहीं है. इसकी खोज की जा रही है. नियम के तहत किसी अस्पताल को लाइसेंस लेने के लिए जमीन या किरायेनामा का कागज देना अनिवार्य है. लेकिन अब तक पीएचसी व एपीएचसी के निबंधन नहीं होने के कारण कभी कागजात की खोज नहीं हुई. जब मुख्यालय ने सीएस को सभी सरकारी अस्पतालों का लाइसेंस की कॉपी भेजने का निर्देश दिया तो विभाग ने आनन-फानन में 48 अस्पतालों को निबंधन कर उसकी कॉपी भेज दिया.

जिले में अब तक 375 निजी अस्पताल ही निबंधित हैं, जबकि गांव-गांव में चल रहे क्लीनिक व अस्पतालों की संख्या एक हजार से अधिक हैं. इनका निबंधन नहीं हुआ है. इसके लिए नर्सिंग होम या क्लीनिक विभाग को निबंधन के लिए आवेदन भी नहीं दे रहे हैं. विभाग की ओर से भी ऐसे क्लीनिकों व नर्सिंग होम पर कड़ाई नहीं बरती जा रही है.विभाग को पता भी नहीं है कि इन नर्सिंग होम में जो डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, उनकी योग्यता क्या है.

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