मुजफ्फरपुर : एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की जीवन रक्षा के लिए सदर अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं लगाया जायेगा. यहां बने वार्ड में तत्काल छह बेड रखे गये हैं. लेकिन बच्चों का जीवन बचाने के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं की है. केजरीवाल अस्पताल में भी वेंटिलेटर नहीं लगाये गये हैं. एसकेएमसीएच में भी महज छह वेंटिलेटर की व्यवस्था है.
नतीजा यदि ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से पीड़ित हो तो उसे जीवित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है. वेंटिलेटर के अभाव में उसे कृत्रिम सांस नहीं दिया जा सकता. सदर अस्पताल व केजरीवाल मातृसदन में भरती बच्च यदि गंभीर हो जाये तो उसे दूसरी जगह ले जाने की स्थिति भी नहीं रहेगी.
पिछले वर्ष बीमारी के प्रकोप के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल में वेंटिलेटर लगाने का निर्णय लिया था. साथ ही एसकेएमसीएच में भी पर्याप्त मात्र में वेंटिलेटर लगाने की घोषणा की गयी थी. लेकिन एक वर्ष गुजर जाने के बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं हो सका. वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं होने से सदर अस्पताल में संकट की स्थिति है. गंभीर स्थिति से जूझ रहे बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई उपाय नहीं है.
* वेंटिलेटर विदेश से आता है. उसे लगाने का बजट स्वीकृत नहीं है. उसे चलाने के लिए कोई विशेषज्ञ भी नहीं है. इसलिए इस बार वेंटिलेटर नहीं लगाया
जा रहा है.
डॉ ज्ञान भूषण, सिविल सजर्न