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जुलाई में 76 फीसदी कम हुई बारिश
मुजफ्फरपुर : बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरार पड़ने गये हैं. बारिश का मुख्य समय बित रहा है. खेत में धान के पौधे धूप से जल रहे हैं. किसान पंपसेट से पटवन कर रहे हैं, लेकिन तेज धूप से बोरिंग के पानी का कोई महत्व नहीं है. दिन में तापमान 33 व […]
मुजफ्फरपुर : बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरार पड़ने गये हैं. बारिश का मुख्य समय बित रहा है. खेत में धान के पौधे धूप से जल रहे हैं. किसान पंपसेट से पटवन कर रहे हैं, लेकिन तेज धूप से बोरिंग के पानी का कोई महत्व नहीं है.
दिन में तापमान 33 व रात में 27 डिग्री सेल्सियस हो गया है. अब तक जिले में 47 फीसदी क्षेत्र फल में धान की रोपनी हो चुकी है. यानी, 69 हजार हेक्टेयर में किसान धान लगा चुके हैं. इसे बचाना किसानों के लिए मुश्किल है. आंकड़ों पर गौर करें तो बारिश मई, जून व जुलाई तीनों महीने में काफी कम हुई है. मई में 19.4, जून में 18.0 व जुलाई में 90. 1 मिली मीटर ही बारिश हुई है, जबकि किसानों को मई में 47.8, जून में 146.1 व जुलाई में 346.2 मिलीमीटर बारिश की जरू रत है.
इससे कम बारिश होने पर धान का उत्पादन मुश्किल है. जुलाई में मात्र 24 फीसदी बारिश हुई है. बारिश होने से किसानों के समक्ष धान बचाने की बड़ी चुनौती है. मुशहरी के किसान राम विलास राय व मीनापुर के किसान अयोध्या प्रसाद बताते हैं कि ऐसे मौसम में धान का क्या होगा?
आखिर किसान कितनी बरबादी सहेंगे. खेती में खर्च पैसा कैसे ऊपर होगा? केरमा के किसान संतोष कुमार व मुरौल के किसान अवध बिहारी ठाकुर बताते हैं कि खेती काफी मुश्किल घड़ी में फंस गई है. पौधे सूख रहे हैं. धान की जड़ों में दीमक व कई कीड़े लग रहे हैं.
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