– निगरानी जांच के चलते महकमे में बेचैनी बढ़ी- नौ जुलाई तक दी गयी थी इस्तीफा देने की छूट संवाददाता, मुजफ्फरपुर माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में नियोजित शिक्षक जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर सीधे कार्रवाई के दायरे में होंगे. विभाग ने उन्हें खुद ही बाहर होने का मौका देते हुए नौ जुलाई तक टाइम लाइन तय किया था. आखिरी दिन छह शिक्षकों ने इस्तीफा दिया. इसके बाद निगरानी जांच के डर से नौकरी छोड़ने वालों की संख्या 15 हो गयी है. विभाग का दावा है कि अभी भी कई फर्जी शिक्षक दबाव के साथ जमे हुए हैं, जिनकी पोल निगरानी जांच में खुल जायेगी. वर्ष 2006 से अबतक नियोजित शिक्षकों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है. जिले से इस दौरान नियोजित शिक्षकों के दस्तावेज मंगाये गये तो हैरान करने वाला सच सामने आया. अधिकतर शिक्षकों की फाइल में कोई शैक्षिक दस्तावेज ही नहीं था. काफी प्रयास के बाद कुछ शिक्षकों ने तो जमा करा दिये, लेकिन अभी भी पत्रावली पूरी नहीं मिल सकी है. इस बीच जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फर्जी शिक्षकों को खुद ही बाहर निकलने का एक मौका देते हुए नौ जुलाई तक का समयसीमा निर्धारित की थी. इसकी प्रति सभी विद्यालयों पर भी चस्पा करायी गयी थी. डीईओ गणेश दत्त झा ने बताया कि गुुरुवार तक 15 लोगों ने खुद ही इस्तीफा सौंप दिया है. इसमें नौ प्रखंड शिक्षक, पांच पंचायत शिक्षक व एक कमतौल में तैनात लाइब्रेरियन है. श्री झा ने बताया कि समयसीमा खत्म हो चुकी है. अब निगरानी जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है. सभी शिक्षकों से संबंधित दस्तावेज जुटाकर निगरानी ब्यूरो को भेज दिया जायेगा.
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समयसीमा खत्म, 15 फर्जी शिक्षकों ने छोड़ी नौकरी
– निगरानी जांच के चलते महकमे में बेचैनी बढ़ी- नौ जुलाई तक दी गयी थी इस्तीफा देने की छूट संवाददाता, मुजफ्फरपुर माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में नियोजित शिक्षक जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर सीधे कार्रवाई के दायरे में होंगे. विभाग ने उन्हें खुद ही बाहर होने का मौका देते हुए नौ […]
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