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नवरुणा कांड की धीमी जांच पर पीएमओ ने लिया संज्ञान
मुजफ्फरपुर: नवरुणा कांड की धीमी जांच पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिख कर सीबीआइ को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 23 जनवरी को अतुल्य व मैत्री चक्रवर्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि उनकी बेटी नवरुणा का 18 […]
मुजफ्फरपुर: नवरुणा कांड की धीमी जांच पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिख कर सीबीआइ को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. 23 जनवरी को अतुल्य व मैत्री चक्रवर्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि उनकी बेटी नवरुणा का 18 सितंबर 2012 को अपहरण कर लिया गया था. चार माह की जांच के बाद सीआइडी को जांच का जिम्मा दिया गया. बिहार पुलिस व सीआइडी की जांच संतोष जनक नहीं थी.
दिसंबर 2012 में सर्वोच्च न्यायालय में लॉ के छात्र अभिषेक रंजन ने रिट दाखिल की. 25 नवंबर 2013 को कोर्ट ने नवरुणा मामले की जांच सीबीआइ से जल्द से जल्द कराने को कहा. फरवरी 2014 में प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआइ ने जांच शुरू की. लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच पुरी नहीं हुई. अब तक कोई अपराधी को सीबीआइ नहीं पकड़ सकी.
घर के पास नाले से मिले कंकाल को नवरुणा का बताया गया, लेकिन उसकी रिपोर्ट भी हमे देखने को नहीं मिली. अगर कंकाल नवरुणा का था, तो उसकी अंतिम क्रिया के लिए हड्डी सौंपने में सीबीआइ को क्या परेशानी थी. कंकाल के किस हिस्से की जांच की गयी, यह भी नहीं बताया गया. कुछ माह तक सीबीआइ जोर-शोर से मामले की जांच की. लेकिन अब जांच से लगता है कि सीबीआइ की प्राथमिकता में यह मामला नहीं है. समय बीता जा रहा है. न्याय व नवरुणा को पाने की उम्मीद धूमिल हो रही है. आखिर हमलोग कब तक इंतजार करेंगे. जांच की रफ्तार धीमी है. इसका विलंब का कारण समझ में नहीं आ रहा है. सीबीआइ किसी के दबाव में तो नहीं है. दोनों पति-पत्नी ने पीएम से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगायी है.
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