मुजफ्फरपुर: मुंह व फेफड़े के कैंसर के मरीजों की पहचान के लिए 2014 में यूनेस्को, यूनिसेफ व स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से सर्वे करेगा. सूबे में इस बीमारी का ग्राफ 56 फीसदी पहुंचने पर कैंसर सोसाइटी चिंतित है. सूबे की कई संस्थाएं तो जागरूकता अभियान में जुट भी गई हैं. पिछले दिनों पटना में डॉ हई के नेतृत्व में संचालित कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी ने तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया था. जिसमें मुंह व फेफड़े के कैंसर की रोकथाम के लिए तंबाकू के उपयोग कम से कम करने पर चर्चा हुई.
देश के कई कैंसर विशेषज्ञों ने तंबाकू को इस बीमारी का मुख्य कारण मानते हुए इसे इसे कम करने की जरूरत बतायी. सेमिनार से लौटी नई सुबह कैंसर फाउंडेशन की निदेशिका व दंत रोग विशेषज्ञ डॉ शोभना चंद्रा ने कहा कि शहर में अगले महीने कैंसर जागरूकता अभियान शुरू किया जायेगा.
जिसमें सेमिनार व कार्यशाला सहित अन्य कार्यक्रम तय किये जायेंगे. डॉ चंद्रा ने कहा कि सूबे में कैंसर का बढ़ता ग्राफ चौंकाने वाला है. यह भयावह स्थिति है. तंबाकू की रोकथाम के लिए अगले महीने से कार्यक्रम की शुरुआत की जायेगी. सेमिनार में प्रत्येक क्षेत्र के लोगों की भागीदारी होगी. सूबे में काम कर रही सभी कैंसर सोसायटी की कोशिश है कि वर्ष 2014 में होने वाले कैंसर सर्वे में सूबे का ग्राफ कम हो.