ये कोर्स हैं, मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस एंड इन्फॉर्मेशन साइंस (एमलिस), मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन (एमजेएमसी) व एमए इन वूमेन स्टडीज. पहले दो कोर्स के रेगुलेशन को जहां बीते 18 जुलाई को मंजूरी मिली थी, वहीं तीसरे कोर्स का रेगुलेशन 18 अक्तूबर को पास हुआ था. इन सभी को सत्र 2014-15 से ही मंजूरी मिली थी. विवि को अपने संवैधानिक बोर्ड से इन तीनों कोर्स में नामांकन के लिए सीट निर्धारित कर राज्य सरकार से मंजूरी लेनी है, लेकिन अभी तक इसके पहल भी शुरू नहीं हुई है.
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बीआरए विवि: तीन कोर्स शुरू होने का इंतजार
मुजफ्फरपुर: एक तरफ बीआरए बिहार विवि राजभवन से वर्ष 2011 से 2013 तक के पीजी कोर्स व एमएससी फिश एंड फिशरीज कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी के लिए प्रयास कर रही है, वहीं तीन ऐसे कोर्स हैं जिनका रेगुलेशन बीते साल राजभवन से पास हो चुका है, लेकिन विवादों व कॉलेज एवं पीजी विभागों की […]
मुजफ्फरपुर: एक तरफ बीआरए बिहार विवि राजभवन से वर्ष 2011 से 2013 तक के पीजी कोर्स व एमएससी फिश एंड फिशरीज कोर्स के रेगुलेशन की मंजूरी के लिए प्रयास कर रही है, वहीं तीन ऐसे कोर्स हैं जिनका रेगुलेशन बीते साल राजभवन से पास हो चुका है, लेकिन विवादों व कॉलेज एवं पीजी विभागों की अनिच्छा के कारण अभी तक ये शुरू नहीं हो सके हैं.
सिर्फ मगध विवि में है सुविधा : राजभवन ने जिन तीन कोर्स के रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस को मंजूरी दे रखी है, उसमें सबसे महत्वपूर्ण है एमलिस. फिलहाल उत्तर बिहार में इस कोर्स की सुविधा उपलब्ध नहीं है. बिहार में मगध विवि ही एमलिस कोर्स (रेगुलर मोड) की सुविधा उपलब्ध कराती है. बीलिस कर चुके छात्र-छात्रओं की अपेक्षा वहां सीटों की संख्या काफी कम है. केवल बीआरए बिहार विवि से ही सैकड़ों छात्र बीलिस कोर्स पूरा कर बैठे हैं. ऐसे में वे राजनेताओं के साथ मिल कर लगातार इस कोर्स को स्थानीय स्तर पर शुरू करने की मांग करते रहे हैं. इसके बाद ही विवि ने इसका प्रस्ताव राजभवन को भेजा था.
निदेशक पद को लेकर है पेच : एमलिस कोर्स शुरू नहीं होने का मुख्य कारण निदेशक का पद है. दरअसल रेगुलेशन के तहत लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइंस में पीएचडी करने वाले ही इस पद के योग्य माने जायेंगे. सूत्रों के अनुसार इसके आधार पर डॉ कौशल किशोर चौधरी ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है. ऐसे में सीसीडीसी कार्यालय ने दो अलग-अलग प्रस्ताव कुलपति को भेजा है. एक में कोर्स के लिए नये निदेशक की बहाली व दूसरे में बीलिस के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ प्रसून कुमार राय को ही प्रभार देकर कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है. हालांकि कुलपति ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है.
एमजेएमसी का नहीं आया प्रस्ताव
18 जुलाई 2014 को ही राजभवन ने एमजेएमसी के रेगुलेशन को भी मंजूरी मिली थी. लेकिन अभी तक इस कोर्स को शुरू करने के लिए न तो किसी कॉलेज और न ही विवि पीजी विभागों की ओर से ही कोई प्रस्ताव आया है. यह हालत तब है जब खुद कुलपति डॉ पंडित पलांडे की पहल पर विवि ने इस कोर्स को शुरू करने का प्रस्ताव राजभवन को भेजा था. वहीं एमए इन वूमेन स्टडीज कोर्स शुरू करने के लिए पिछले दिनों एमडीडीएम कॉलेज ने प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी यह विवि स्तर पर लंबित है.
एमलिस कोर्स के निदेशक के लिए दो प्रस्ताव भेजा जा चुका है. वीसी की मंजूरी का इंतजार है. वहीं एमए इन वूमेन स्टडीज के लिए एमडीडीएम कॉलेज से प्रस्ताव आया है. एमजेसी कोर्स के लिए अभी भी प्रस्ताव का इंतजार है. सीटों की संख्या को राज्य सरकार से मंजूरी के लिए भी पहल जारी है. उम्मीद है जल्द ही ये तीनों कोर्स शुरू होंगे.
डॉ तारण राय, सीसीडीसी
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