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खुद की दी तिथि को लेकर मुश्किल में फंसा विवि

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन नैक मूल्यांकन के तहत पियर टीम के निरीक्षण के लिए अप्रैल माह की तीन तिथियां भेजी थी. अब इसको लेकर वह खुद मुश्किल में फंस गया है. दरअसल नैक ने उनमें से एक तिथि के स्लॉट (27 से 30 अप्रैल) को मंजूरी दे दी है व इसे सुनिश्चित करने के […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन नैक मूल्यांकन के तहत पियर टीम के निरीक्षण के लिए अप्रैल माह की तीन तिथियां भेजी थी. अब इसको लेकर वह खुद मुश्किल में फंस गया है. दरअसल नैक ने उनमें से एक तिथि के स्लॉट (27 से 30 अप्रैल) को मंजूरी दे दी है व इसे सुनिश्चित करने के लिए विवि को पत्र लिखा है. विवि के लिए परेशानी का सबब यह है कि नैक की तैयारियों के मामले में वह काफी पीछे है और जो हालात हैं, उसमें पूरी तैयारी में अभी काफी वक्त लगने की आशंका है.

ऐसे में विवि प्रशासन ने पियर टीम के निरीक्षण की तिथि नवंबर-दिसंबर तक बढ़ाने के लिए नैक के सहायक सलाहकार डॉ गणोश हेगड़े को पत्र लिखा है. इसके लिए कुलपति की बीमारी (हर्ट सजर्री), व्यापक पैमाने पर जीर्णोद्धार कार्य जारी होने व जून, जुलाई व अगस्त में बरसात का मौसम होने को आधार बनाया गया है. विवि प्रशासन ने निरीक्षण के लिए तीन तिथियों का नया स्लॉट भी भेजा है, जिसमें 26 से 30 नवंबर, 01 से 03 दिसंबर व 07 से 10 दिसंबर की तिथि शामिल है. अब यह नैक पर निर्भर है कि वह विवि के इस प्रस्ताव को मानता है अथवा नहीं.

सीएम ने दिया है मदद का आश्वासन
तीन मार्च को कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. मौके पर शिक्षा मंत्री पीके शाही भी मौजूद थे. मुलाकात के दौरान कुलपति ने पैसों की कमी के कारण नैक की तैयारी पूरी नहीं हो पाने का मामला उठाते हुए सरकार से मदद की मांग की. विकास अधिकारी डॉ कल्याण कुमार झा के अनुसार, मुख्यमंत्री ने इसके लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. जरू रत पड़ने पर मुख्यमंत्री राहत कोष से भी फंड मुहैया कराने की बात कही. हालांकि शिक्षा मंत्री ने विभाग से ही स्मार्ट क्लासेज, भवनों के जीर्णोद्धार व परीक्षा भवन के निर्माण के लिए राशि मुहैया कराने का आश्वासन दिया. कुलपति को इस मामले में दस मार्च को दुबारा मिलने को कहा गया था, लेकिन बीमारी के कारण वे मुलाकात नहीं कर सके. अब इस मामले में विवि अधिकारी कुलपति के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं.
पैसों की कमी से असर
विवि में नैक की तैयारी के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण राशि का अभाव है. पियर टीम के निरीक्षण से पूर्व विवि को तेरह प्रमुख भवनों का जीर्णोद्धार कराने के साथ-साथ 21 पीजी विभागों में कम-से-कम एक स्मार्ट क्लास व नया परीक्षा भवन बनाना है. इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया था, जो फिलहाल लटका हुआ है. फिलहाल विवि प्रशासन अपने स्तर से तेरह भवनों के जीर्णोद्धार के लिए टेंडर निकाल चुकी है. इसके लिए परीक्षा मद व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से राशि उधार भी ली गयी है, लेकिन यह महज वैकल्पिक व्यवस्था है.

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