एक सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए होगा, वहीं दूसरा एससी/एसटी सहित अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए. परीक्षा विभाग को गाइड व रिक्त सीटों की सूची तैयार करने की जिम्मेवारी भी सौंपी गयी थी. इसमें गाइड की देख-रेख में हो रहे शोध कार्य की सूची में पीआरटी-2012 व उसके बाद पंजीकृत शोधार्थियों को ही शामिल करने का फैसला लिया गया है. विभाग ने इसके लिए सभी पीजी विभागाध्यक्षों को पत्र लिख कर सूची उपलब्ध कराने को कहा है. फिलहाल विभागों से यह सूची प्राप्त नहीं हुई है.
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बीआरए विवि: 2014 में नहीं होगी पीआरटी परीक्षा!
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में प्री-पीएचडी टेस्ट परीक्षा (पीआरटी)-2014 के लिए अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. विवि प्रशासन फिलहाल इस साल इसकी परीक्षा लेने के मूड में नहीं है. अधिकारी इसका कारण गाइड व उनके अंदर हो रहे शोध कार्य का सूची तैयार नहीं हो पाने को बता रहे हैं. वैसे विभागीय […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में प्री-पीएचडी टेस्ट परीक्षा (पीआरटी)-2014 के लिए अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. विवि प्रशासन फिलहाल इस साल इसकी परीक्षा लेने के मूड में नहीं है. अधिकारी इसका कारण गाइड व उनके अंदर हो रहे शोध कार्य का सूची तैयार नहीं हो पाने को बता रहे हैं. वैसे विभागीय सूत्रों की मानें तो पीआरटी-2013 में उत्तीर्ण छात्रों के रजिस्ट्रेशन के बाद कई विषयों में सीटें फुल हो जाना तय है. ऐसे में जानबूझ कर इसे टाला जा रहा है. यूजीसी रेगुलेशन 2009 के तहत एक गाइड (प्रोफेसर) की देख-रेख में एक साथ अधिकतम आठ शोध कार्य हो सकते हैं.
विवि प्रशासन ने 2014 से पीएचडी कोर्स में यूजीसी रेगुलेशन के सभी प्रावधानों को लागू करने का फैसला लिया है. इसके तहत पीआरटी से पूर्व विवि को विषयवार गाइड की संख्या, उनके अंदर शोध कार्य व रिक्त सीटों की सूची जारी करनी है. रिक्त सीटों में सरकार के आरक्षण रोस्टर का भी पालन होना है. इसे देखते हुए विवि प्रशासन ने पीआरटी के लिए दो अलग-अलग प्रोस्पेक्टस जारी करने का फैसला लिया है.
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