मुजफ्फरपुर : ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को उत्तर-पूर्वी भारत के सौ से अधिक नगर निकायों के प्रतिनिधि ‘अलग-अलग शहरों के फोरम’ की क्षेत्रीय कार्यशाला में शामिल हुए.
इसमें बिहार के सभी नगर निकायों के अलावा महाराष्ट्र के हिल सिटी पंचगनी, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, सिक्किम के गंगटोक, इंफाल के काकिंग, आईजोल समेत दूसरे प्रदेश के कई अन्य निकाय के प्रतिनिधि शामिल थे. उन्होंने शहर में कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया का अवलोकन किया और ठोस कचरा प्रबंधन के मुजफ्फरपुर मॉडल को अपनाने पर सहमत हुए.
माड़ीपुर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह कूड़े से जैविक खाद बना स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर उत्तर-पूर्वी भारत में परचम लहरा रहा है, हम चाहेंगे कि राज्य के दूसरे शहर भी मुजफ्फरपुर मॉडल को लागू कर इस पर काम शुरू करेंगे.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के उप महानिदेशक चंद्रभूषण ने कूड़े से जैविक खाद बनाने में संस्था द्वारा उठाये गये कदम की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि सिर्फ कूड़े को इकट्ठा कर उसका डिस्पोजल करना ही काफी नहीं है, बल्कि उसका पृथक्करण, समुचित उपचार, पुनर्चक्रण और कचरे का पुन: उपयोग जरूरी है.
उन्होंने कहा कि सीएसइ ने निगम प्रशासन को सहयोग कर मुजफ्फरपुर में ठोस कचरा प्रबंधन की दिशा में बड़ा काम किया है. संचालन सीएसई की कार्यक्रम प्रबंधक स्वाति सिंह सामब्याल ने किया.
मौके पर नगर विकास विभाग के विशेष सचिव संजय दयाल भी मौजूद थे. नगर आयुक्त संजय दूबे ने प्रजेंटेशन देकर कूड़े से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया. इससे पहले वे सौ से अधिक निकायों के आये प्रतिनिधियों को कंपनीबाग कंपोस्ट पिट का निरीक्षण करा पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी.