मुजफ्फरपुर : जिले में रैबीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर दिन अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पिछले दो दिनों से ओपीडी बंद होने के कारण मंगलवार को सबसे अधिक ढाई सौ मरीज एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने पहुंचे. इनमें आवारा कुत्तों के शिकार मरीजों की संख्या सबसे अधिक थी.
आंकड़ाें पर नजर डालें, तो सदर अस्पताल में मात्र नौ दिनों में मरीजों को पांच सौ वैक्सीन दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह भी मानती हैं कि अस्पताल में इन दिनों कुत्ते के काटे मरीज अधिक आ रहे हैं.
दो सौ मरीज को ही पड़ी वैक्सीन
सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने ढाई सौ से अधिक मरीज आये थे, लेकिन अस्पताल के स्टॉक में कुल दो सौ वैक्सीन ही थे. वैक्सीन लेने आये मरीजों को जब इस बात की जानकारी हुई, तो वैक्सीन लेने के लिए उनके बीच अफरा तफरी मच गयी. हालांकि अस्पताल कर्मियों ने मरीजों को लाइन लगा गया कर वैक्सीन दिया.
इनमें से करीब दो सौ मरीजों को ही वैक्सीन दी गयी. इसके बाद जिन मरीजों को वैक्सीन नहीं पड़ा, वे हंगामा करने लगे. इसके बाद मरीजों को अस्पताल के गार्ड ने शांत कराया. मरीजों को आश्वासन दिया गया कि उन्हें एसकेएमसीएच रेफर किया जा रहा है, वहां वैक्सीन उपलब्ध है. इसके बाद मरीज शांत हुए.
सदर अस्पताल
आवारा कुत्तों के शिकार मरीजों की संख्या बढ़ी
हंगामा कर रहे शेष मरीजों को भेजा गया एसकेएमसीएच
अस्पताल के स्टॉक में दो सौ वॉयल ही मौजूद था
छह माह बाद आयी थी अस्पताल में वैक्सीन
सदर अस्पताल में 18 दिसंबर को एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) उपलब्ध कराया गया था. पिछले छह माह से अस्पताल प्रशासन लगातार इसके लिए पत्र लिख रहा था. सीएस डॉ ललिता सिंह ने कहा कि उन्होंने पांच हजार एंटी रेबीज वैक्सीन के लिये पत्र लिखा था, लेकिन तत्काल उन्हें पांच सौ वॉयल उपलब्ध कराया गया है. पांच दिन बाद फिर वॉयल भेजने की बात कही गयी है, लेकिन वैक्सीन नहीं भेजी गयी. उन्होंने कहा कि लंबे समय से अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होने के कारण मरीज नाराजगी जाहिर कर रहे थे.