जिप का एक करोड़ निजी खाते में किया गया था ट्रांसफर
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सरकारी पैसों की हेराफेरी में कमीशन का खेल!
जिप का एक करोड़ निजी खाते में किया गया था ट्रांसफर सरकारी खाते की राशि को निजी खाते में ट्रांसफर करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें निजी लाभ के लिए एेसा करने की बात आयी है. मुजफ्फरपुर : सरकारी राशि की बैंकों व निजी खातों में ट्रांसफर के कई मामले जिले में […]
सरकारी खाते की राशि को निजी खाते में ट्रांसफर करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसमें निजी लाभ के लिए एेसा करने की बात आयी है.
मुजफ्फरपुर : सरकारी राशि की बैंकों व निजी खातों में ट्रांसफर के कई मामले जिले में प्रकाश में आ चुका है. जिला परिषद में 2015 में पंचायतों के विकास मद की करीब एक करोड़ राशि को जिप कार्यालय के प्रधान सहायक ने अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर दिया था. चौंकाने वाले बात यह थी कि प्रधान सहायक ने अधिकारी से ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवा लिया था.
दरअसल बीआरजीएफ योजना मद की राशि प्रखंडों के खाते में भेजा गया था. करीब 1.76 लाख के चेक प्रत्येक प्रखंड के खाते में जमा की जाती थी. चेक के बंच में प्रधान सहायक एक ब्लैंक चेक रख देते है. साइन होने के बाद उस चेक अपने निजी खाते में डाल देते थे. यह खेल करीब एक साल तक चला. योजना के राशि के ऑडिट में गड़बड़ी पकड़ में आयी. इसके बाद प्रधान सहायक को निलंबित कर सरकारी राशि वसूलने का आदेश जारी हुआ.
यही नहीं, शिक्षा विभाग में इसी तरह के कई मामले सामने आ चुके है. जिसमें पोशाक, भवन निर्माण, छात्रवृत्ति, साइकिल आदि योजनाओं की राशि को शिक्षकों ने अपने निजी खाते में डाल लिया था. विभाग ने इस मामले में कार्रवाई का आदेश दे रखा है. पैक्सों में ऐसा खेल के मामले सामने आ चुके है.
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