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छह सेट यूनिवर्सल जैक का मिला ऑर्डर

उपलब्धि. जमालपुर रेल कारखाना करेगा निर्माण, 2017 में देनी है आपूर्ति जमालपुर रेल कारखाना को छह सेट यूनिवर्सल जैक निर्माण का नया ऑर्डर मिला है. कारखाना को अगले वर्ष तक इसकी आपूर्ति दे देनी है. इसका निर्माण लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा. जमालपुर : रेल इंजन कारखाना जमालपुर में निर्मित जमालपुर […]

उपलब्धि. जमालपुर रेल कारखाना करेगा निर्माण, 2017 में देनी है आपूर्ति

जमालपुर रेल कारखाना को छह सेट यूनिवर्सल जैक निर्माण का नया ऑर्डर मिला है. कारखाना को अगले वर्ष तक इसकी आपूर्ति दे देनी है. इसका निर्माण लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा.
जमालपुर : रेल इंजन कारखाना जमालपुर में निर्मित जमालपुर जैक ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. इसी का परिणाम है कि कारखाना को छह सेट यूनिवर्सल जैक निर्माण का नया ऑर्डर मिला है. इसे लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनाया जायेगा. बताया जाता है कि रेल इंजन कारखाना जमालपुर ने वर्ष 1964 से ही जैक का निर्माण कार्य आरंभ किया था. परंतु समय की मांग तथा नित नयी तकनीक के अनुसार कारखाना के कुशल कारीगरों ने यहां के प्रबंधन के निर्देश पर इसमें लगातार संशेाधन जारी रखा और इसी का परिणाम है कि आज जमालपुर जैक ने न केवल भारतीय रेल, बल्कि रक्षा विभाग व एनटीपीसी सहित अन्य प्राइवेट सेक्टरों में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है.
भारतीय रेल में सर्वोत्तम उपयोगी 140 टन क्रेन और यूनिवर्सल जैक केवल जमालपुर रेल कारखाना में ही तैयार होता है. वस्तुत: यूनिवर्सल जैक किसी भी दुर्घटना की स्थित या सामान्य अवस्था में जरूरत पड़ने पर डीजल लोको, इएमयू इंजन, बीइएमएल आइसीएफ कोच तथा राजधानी एक्सप्रेस जैसे प्रमुख एलएचबी कोच को उठाने के काम आता है. बताया जाता है कि आधुनिक उपकरणों से लैस इस यूनिवर्सल जैक के निर्माण पर वर्तमान में लगभग साढ़े पांच लाख रुपये की लागत आती है. यूनिवर्सल जैक पांच जैकों के समूह होतें हैं. जिसका मल्टीपल यूज किया जा सकता है. वर्तमान में रेलवे के साथ ही इसका सबसे बड़ा उपभोक्ता रक्षा विभाग के साथ ही एनटीपीसी भी है.
जमालपुर जैक की विशेषता
रेल कारखाना में जमालपुर जैक का निर्माण वर्ष 1964 से हो रहा है. उस समय इसका ऑपरेटिंग हाथ से अथवा मैनुअली होता था. वाष्प इंजन की मरम्मति के लिए स्थापित यह रेल कारखाना भले ही पहले डीजल और बाद में बिजली चालित इंजनों के परिचालन आरंभ हो जाने से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी हो, परंतु इस बीच दिल्ली में बैठे रेलवे की दशा और दिशा निर्धारित करने वालों के साथ ही इसने अपनी कारीगरी के बल पर ही प्रतिद्वंद्वी संस्थानों को पछाड़ने में सफलता हासिल की है. उत्कृष्ट कारीगरी के लिए विख्यात कारखाना के कारीगरों ने इसी क्रम में जमालपुर जैक को अत्याधुनिक उपकरणों तथा तकनीकों से लैस करना आरंभ कर दिया था, जिसका परिणाम निकला कि अब यह जैक रेडियो रिमोट सिस्टम से ऑपरेट किया जाने लगा तथा अपनी विशेषता के बल पर ही यह यूनिवर्सल जैक बन गया. इसका निर्माण एमसीटीआर शॉप में किया जता है. वर्तमान में यहां का डिप्टी सीएमइ जीएन सिंह तथा शशि कुमार, बजरंगी सिंह एवं शेखर प्रसाद यहां के वरीय अनुभाग अभियंता हैं. अब तक इस कारखना ने लगभग ढाई हजार से अधिक जैक का निर्माण कर लेने का गौरव हासिल किया है.
कहते हैं मुख्य कारखाना प्रबंधक
लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से यूनिवर्सल जैक बनाने का नया आदेश प्राप्त हुआ है. इसे आगामी वर्ष तक पूरा कर अहमदाबाद, मुंबई, बड़ोदा तथा रतलाम भेजा जायेगा.
अनिमेष कुमार सिन्हा, मुख्य कारखाना प्रबंधक

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