9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्षमा, प्रेम, करुणा, कर्तव्यपरायणता यज्ञ के अंग हैं : श्याम महाराज

बरियारपुर : वृंदावन मथुरा से पधारे श्याम गोपाल जी महाराज ने कहा कि क्षमा, प्रेम, करुणा व कर्तव्य परायणता यज्ञ के ही अंग हैं. उन्होंने कर्दम, देवहुति, ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र व भक्त प्रह्लाद की भक्ति की महिमा का वर्णन करते हुए दक्ष प्रजापति द्वारा किये गये यज्ञ के तात्पर्य को बताया. वे बुधवार को […]

बरियारपुर : वृंदावन मथुरा से पधारे श्याम गोपाल जी महाराज ने कहा कि क्षमा, प्रेम, करुणा व कर्तव्य परायणता यज्ञ के ही अंग हैं. उन्होंने कर्दम, देवहुति, ध्रुव चरित्र, भरत चरित्र व भक्त प्रह्लाद की भक्ति की महिमा का वर्णन करते हुए दक्ष प्रजापति द्वारा किये गये यज्ञ के तात्पर्य को बताया. वे बुधवार को इटहरी पंचायत के कल्याणटोला गांव में आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि निष्काम भाव से भागवत प्रीत्यर्थ कार्य करना, ज्ञान के विज्ञान रूप में उतारना, कृतत्व भाव का त्याग रूप है. यज्ञ में आहूति साधक अपने अहंकार, यंग मोह की देता है. क्षमा, प्रेम, करुणा, कर्तव्य परायणता सब यज्ञ के अंग हैं. योग की प्रक्रियाओं द्वारा अपने भीतर अग्नि प्रज्वलित कर अहंगता व ममता को जलाने की प्रक्रिया यज्ञ है. गोपाल जी महाराज ने कहा कि भागवत पुराण में पांच प्रकार के यज्ञ बताये गये हैं. पहला ब्रह्म यज्ञ, जिसका अर्थ है सत्संग करना व संत शास्त्रों का अभ्यास करना.
दूसरा देव यज्ञ, देवताओं की उपासना और तृप्ति करने के लिए हवन करना देव यज्ञ कहलाता है. तीसरा पितृ यज्ञ समय पाकर पितरों की पूजा श्राद्ध उनके निमित दान पितृ यज्ञ यज्ञ कहलाता है. चौथा भूत यज्ञ यानी पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े और अन्य प्राणियों को अन्न पानी या चारा देना भूत यज्ञ कहलाता है. पांचवां मानव यज्ञ यानी अतिथि निर्धन, साधु, महात्मा को अन्न-वस्त सेवा प्रदान करना मानव यज्ञ कहलाता है. इस दौरान बच्चन मंडल, धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, महेंद्र मंडल, राजू मंडल, महेश मंडल, बहादुर मंडल, गुलाब सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें