अबतक 14 हजार दिव्यांगों को मिला यूडीआइडी कार्ड

सरकार दिव्यांगों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है. जिसके लिए सरकार दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड दे रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 9, 2025 7:25 PM

मुंगेर. सरकार दिव्यांगों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है. जिसके लिए सरकार दिव्यांगों को यूनिक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड दे रहा है. वहीं सरकार प्रत्येक जिले को हर वित्तीय वर्ष में चिन्हित दिव्यांगों का मेडिकल बोर्ड के जरिये जांच कर यूडीआइडी कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया जाता है. जिसमें जिले में अबतक 20 हजार लक्ष्य के विरूद्ध कुल 14 हजार दिव्यांगों को स्वास्थ्य विभाग ने यूडीआइडी कार्ड उपलब्ध कराया है.

किसी भी प्रकार के शारीरिक दिव्यांग से पीड़ित लोगों को सरकार द्वारा वन नेशन यूनिक डिस्बेलिटी आइडी कार्ड (यूडीआइडी) दिया जा रहा है. जिससे कोई भी दिव्यांग पूरे देश में कहीं भी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ ले सके. मुंगेर जिले में अबतक 14 हजार दिव्यांगों का यूडीआइडी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया गया है. हालांकि पोर्टल पर लगभग 17 हजार आवेदन आने के बाद सरकार ने जिले में 20 हजार दिव्यांगों को दिव्यांगता सर्टिफिकेट अर्थात यूडीआइडी बनाने का लक्ष्य मुंगेर स्वास्थ्य विभाग को दिया है.

प्रत्येक गुरुवार को लगता है दिव्यांगता शिविर

मुंगेर जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में प्रत्येक गुरुवार को दिव्यांगता शिविर का आयोजन किया जाता है. यूडीआइडी कार्ड के लिए पहले किसी भी प्रकार के दिव्यांगता से पीड़ित लोग ऑनलाइन पोर्टल द्वारा आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उनके पास आधार कार्ड, आवासीय प्रमाण पत्र तथा फोटो होना आवश्यक है. इसके बाद अगले गुरुवार को दिव्यांग सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित होने वाले दिव्यांगता शिविर में पहुंकर अपनी जांच करा सकते हैं. जहां सभी प्रकार की दिव्यांगता की जांच अलग-अलग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाती है. इसके आधार पर ही दिव्यांगता का प्रतिशत निर्धारित करते हुए दिव्यांगता की श्रेणी निर्धारित की जाती है. वहीं जांच के तीन से चार दिनों के अंदर दिव्यांग मरीजों को यूडीआइडी उपलब्ध करा दिया जाता है.सदर अस्पताल में प्रत्येक गुरुवार को दिव्यांगता जांच शिविर का आयोजन किया जाता है. जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दिव्यांगता की जांच की जाती है. वहीं अब नाक, कान व गले के दिव्यांगों की जांच भी आरंभ हो गयी है. जांच के 3 से 4 दिन बाद ही दिव्यांगों को यूडीआइडी उपलब्ध कराया जा रहा है. जिले में अबतक 14 हजार दिव्यांगों को यूडीआइडी कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है.

डॉ विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जनB

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