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सर्जिकल वार्ड में नहीं हुई है हाइड्रोलिक बेड की व्यवस्था

मालखाने में जंग खा रहे दर्जनों बेड मुंगेर : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार चाहे जितने दावे कर ले, किंतु स्थानीय स्तर पर बदहाल व्यवस्था के कारण मरीजों को स्वास्थ्य की बेहतर सेवाएं नहीं मिल पा रहीं. ऐसी ही स्थिति मुंगेर सदर अस्पताल की भी है, जहां गुणवत्ताहीन बेड इलाजरत मरीजों के […]

मालखाने में जंग खा रहे दर्जनों बेड

मुंगेर : स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार चाहे जितने दावे कर ले, किंतु स्थानीय स्तर पर बदहाल व्यवस्था के कारण मरीजों को स्वास्थ्य की बेहतर सेवाएं नहीं मिल पा रहीं. ऐसी ही स्थिति मुंगेर सदर अस्पताल की भी है, जहां गुणवत्ताहीन बेड इलाजरत मरीजों के लिए कष्टकारी साबित हो रहा है़ जबकि जिला स्वास्थ्य समिति की ओर गत वर्ष ही 54 नये बेड खरीदे गये थे. जो अस्पताल के मालखाना में पड़ा हुआ जंग खा रहा है़
मरीजों को नहीं मिल रहा बेहतर बेड: स्वास्थ्य मानकों के अनुसार सर्जिकल वार्ड में हाइड्रोलिक बेड की व्यवस्था होनी चाहिए़ जिससे मरीजों को जरूरत पड़ने पर बेड की स्थिति में बदलाव किया जा सके़ लेकिन यहां पुराने व जर्जर बेड पर ही रोगी का इलाज हो रहा. अस्पताल में यदि मरीजों के बेड की बात की जाये तो आईसीयू तथा नशामुक्त केंद्र के अलावे एक भी वार्ड में बेहतर बेड की व्यवस्था नहीं है़ खास कर सर्जिकल वार्डों में तो और भी घटिया बेड का उपयोग किया जा रहा है़
महिला सर्जिकल वार्ड में कहने को तो 12 बेड लगाये गये हैं, किंतु उसमें से एक भी बेड मरीजों के लिए आरामदायक नहीं है़ महिला सर्जिकल वार्ड में भरती धरहरा निवासी सोनी देवी ने बताया कि बेड पर लेटे-लेटे कमर में दर्द होने लगता है, किंतु हाइड्रोलिक सिस्टम नहीं होने के कारण उसके बेड की स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जा सकता़ वहीं पूरबसराय निवासी लक्ष्मी देवी ने बताया कि एक ही स्थिति में बेड पर लेटे-लेटे उसे काफी कष्ट होता है़ जिससे उसकी परेशानी और भी बढ़ जाती है़
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जिस वार्ड में बेड की जरूरत है, वहां नये बेड उपलब्ध कराये जा रहे हैं. अस्पताल में बेड की कोई कमी नहीं है.

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