मधुबनी. बदलते खान-पान, अनियंत्रित जीवनशैली और तनाव के कारण डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जिले में ऐसे मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019-20) के आंकड़े के अनुसार जिले में 7.4 प्रतिशत महिलाएं व 9.3 प्रतिशत पुरुष का रक्त शर्करा का उच्च स्तर 141- 160 एमजी डीएल के बीच में है. 4.9 प्रतिशत महिलाएं व 9.5 प्रतिशत पुरुष का रक्त शर्करा का स्तर 160 एमजी डीएल से अधिक है. वहीं जिले में 19.5 प्रतिशत महिलाएं व 20 प्रतिशत पुरुष जिनका रक्त शर्करा का स्तर 140 एमजी डीएल से अधिक है. जो शर्करा को नियंत्रित करने के लिए दवा का सेवन करते हैं. जिले में अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक 2 लाख 52 हजार के एवज में 3 लाख 34 हजार 784 लोगों का स्क्रीनिंग की गयी है. इसमें 1 लाख 51 हजार 502 पुरुष व 1 लाख 81 हजार 540 महिलाएं शामिल थी. एनसीडीओ डॉ. एसएन झा ने कहा कि सदर अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक में इलाज कराने वाले डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है. पहले ऐसे लोगों का डाटा एकत्र नहीं किया जाता था. लेकिन अब सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है. पहले बुजुर्ग इन दोनों बीमारियों से पीड़ित होते थे. लेकिन अब युवा भी इस से पीड़ित हो रहे हैं. दिन-ब-दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. एनसीडी सेल की ओर से क्षेत्रीय स्तर भी इसका सर्वे किया जा रहा है. एनसीडी सेल के आंकड़े के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1 लाख 41 हजार 638 मरीज डायबिटीज से पीड़ित थे. जिसमें 66 हजार 925 पुरुष तथा 73 हजार 697 महिलाएं हैं. वहीं हाइपरटेंशन से 93 हजार 230 मरीज पीड़ित हैं. जिसमें 35 हजार 409 पुरुष तथा 55 हजार 992 महिलाएं शामिल हैं. वहीं एनसीडी सेल के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में डायबिटीज मरीजों की संख्या 1 लाख 60 हजार 165 हो गई है. इसमें 76 हजार 466 पुरुष एवं 86 हजार 699 महिला शामिल है. वहीं जिले में हायपर टेंशन के 1 लाख 53 हजार 102 मरीज चिन्हित किया गया है. इसमें 67 हजार 851 पुरुष एवं 85 हजार 201 महिलाएं शामिल हैं. गलत जीवनशैली से बढ़ रहा है ब्लड प्रेशर व डायबिटीज एनसीडीओ डॉ एसएन झा ने कहा कि डायबिटीज एवं हायपर टेंशन बीमारियों की मुख्य वजह हमारी गलत आदतें हैं. जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता तब व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो जाती है. इसके मुख्य कारण इंसुलिन की कमी, परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज होना, बढ़ती उम्र, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, एक्सरसाइज नहीं करना, हार्मोन का असंतुलन, हाई ब्लड प्रेशर और खानपान की गलत आदतें हैं. वहीं ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण धूम्रपान, मोटापा, कम या ज्यादा शारीरिक गतिविधि, नमक और शराब का अधिक सेवन, तनाव, आनुवांशिकी जैसी चिकित्सीय स्थिति और किडनी की पुरानी बीमारी है.
जिले में 1.60 लाख से अधिक डायबिटीज व 1.93 लाख से अधिक हाइपरटेंशन के मरीज
बदलते खान-पान, अनियंत्रित जीवनशैली और तनाव के कारण डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
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