मधुबनी : कभी दो मंजिले भव्य इमारत के 16 कमरों में छात्रों की संख्या से जो विद्यालय रौनक रहा करता था आज वहां वीरानी छायी है. ऐसा नहीं कि इसमें छात्रों की संख्या कम हो गयी है. छात्रों की संख्या आज भी इस विद्यालय में दो हजार छात्र नामांकित हैं, लेकिन अब कमरों की संख्या सिर्फ एक रह गयी है. इसमें एक साथ छात्र व छात्राओं को शिक्षा मुहैया करायी जाती है.
हम बात कर रहे हैं शहर मुख्यालय स्थित सूड़ी उच्च विद्यालय की. इस विद्यालय में कभी दो मंजिले भवन के 16 कमरों में पढ़ाई हुआ करती थी, लेकिन विगत 25 अप्रैल को आये भूकंप में इस विद्यालय के 15 भवन इस कदर जर्जर हो गये कि विद्यालय प्रबंधन ने 15 कमरों को बंद कर ताला लगा दिया. मार्च में मैट्रिक की परीक्षा होनी है. छात्र-छात्रा परीक्षा देने के नाम से ही सिहर रही हैं.
कोचिंग सेंटर में हो रही तैयारी
इस उच्च विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र छात्राएं नामांकित हैं. इसमें 934 बालिकाएं हैं. कमरों के अभाव में इन छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य दांव पर लग गया है. कुछ छात्र-छात्राएं तो निजी कोचिंग सेंटर में परीक्षा की तैयारी कर रही है, लेकिन अधिकांश छात्र-छात्राएं अपने शैक्षणिक भविष्य को लेकर आशंकित हैं.
छात्रा कुमारी साधना कहती हैं कि शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण उच्च विद्यालय में सिर्फ एक कमरे में वर्ग संचालन हो रहा है. विभाग अगर समय से पहल करता तो नया भवन बनकर तैयार हो गया होता.
बंद है कंप्यूटर व संगीत शिक्षा
सूड़ी उच्च विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा बंद है. कंप्यूटर है पर कंप्यूटर शिक्षक नहीं रहने के कारण कंप्यूटर रखे रखे खराब होते जा रहे हैं. यही हाल संगीत के वाद्य यंत्रों का है. उच्च विद्यालय में संगीत की पढ़ाई होती है. अधिकांश छात्राओं ने संगीत विषय में नामांकन भी लिया है पर संगीत शिक्षक का पद भी लंबे समय से रिक्त है.
बालिका शौचालय नहीं
सूड़ी हाइ स्कूल में बालिका शौचालय नहीं है जबकि लगभग एक हजार छात्राएं यहां नामांकित हैं. जिला मुख्यालय में अवस्थित इस उच्च विद्यालय में बालिका शौचालय नहीं रहने के कारण बालिकाएं कभी कभी विद्यालय नहीं आती हैं. पांच महिलाएं भी यहां शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं.
मैदान में लगता है मेला
इस उच्च विद्यालय के मैदान में खेलने के लिये छात्राएं तरसती हैं. मैदान की हालत खराब है. इस मैदान में आये दिन इंद्र पूजा,दुर्गा पूजा,आध्यात्मिक कार्यक्रम व विभिन्न राजनीतिक दल के नेताओं का भाषण होता रहता है. अनेक अवसर पर मैदान में मेला लगता है इससे मैदान की दुर्गति हो गयी है. आसपास के कार्यालय के अधिकारी उच्च विद्यालय के मैदान का उपयोग वाहन पार्किंग के रूप में कर रहे हैं.
चहारदीवारी नहीं
सूड़ी उच्च विद्यालय के मैदान में चहारदीवारी नहीं है. इससे छात्राओं पर असुरक्षा का साया मंडराता रहता है. असामाजिक तत्वों ने मैदान को रास्ता बना लिया है. छात्राओं के साथ छेड़खानी या अपहरण की आशंका बनी रहती है. छात्राओं ने मांग की है कि अविलंब चहारदीवारी का निर्माण कराया जाय. विद्यालय की जमीन का अतिक्रमण किया जा रहा है.
लैब व लाइब्रेरियन नहीं
उच्च विद्यालय में लैब व लाइब्रेरी की हालत खस्ता है. कमरे के अभाव में प्रायोगिक कक्षाएं नहीं होती है. पुस्तकालय का भी कमरे के अभाव में कोई अस्तित्व नहीं है. लाइब्रेरियन का पद भी रिक्त है.
मैथिली के शिक्षक नहीं
मैथिली विषय के शिक्षक नहीं रहने के कारण छात्र परेशान हैं. अधिकांश छात्र छात्राओं की मातृभाषा मैथिली होने के कारण वे इस विषय को रखते हैं.
बेकार है जिम
जिम है पर शारीरिक शिक्षक नहीं रहने के कारण जिम के औचित्य पर सवालिया निशान लग रहा है. जिम के नाम पर लाखों के उपकरण विभागीय उदासीनता की दास्तान कह रही है.
नहीं है गर्ल्स कॉमन रूम
उच्च विद्यालय में गर्ल्स कॉमन रूम नहीं है जिससे छात्राओं में रोष गहराता जा रहा है. छात्राओं ने विद्यालय में कॉमन रूम के निर्माण की मांग की है.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
सूड़ी उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक डाॅ विश्वनाथ पासवान का कहना है कि विद्यालय की समस्याओं के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी को बार-बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं किया जा सका है.