मधुबनी : माध्यमिक बोर्ड परीक्षा में नकल या अन्य गलत तरीके अपनाते हुए पकड़े गए बच्चों के संबंध में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही करने का निर्देश पुलिस अधीक्षक डा. सत्य प्रकाश ने जिले के सभी अनुमंडल अधिकारियों को दिया है.
एसपी ने अनुमंडल अधिकारियों को दिए पत्र में कहा है कि अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग के पत्र के आलोक में बिहार विद्यालय समिति द्वारा आयोजित 10 वीं बोर्ड परीक्षा में नकल करते पकड़ गए बच्चों को पुलिस द्वारा न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाता है. राज्य किशोर न्याय (बालकों की देख रेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं किशोर न्याय नियमावली 2016 प्रभावी रूप से लागू है.
ऐसी स्थिति में पकड़े गए विधि विरुद्ध बच्चों को अधिनियम की धारा 2(13) के अनुसार जो बालक अपराध किए जाने की तारीख को 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है उसे विधि विरुद्ध बालक कहा गया है. अधिनियम की धारा 12 एवं नियम 8ए 9ए 10 में यह उल्लेख किया गया कि विधि विरुद्ध बालक के संबंध में पुलिस ऐसे मामलों में क्या कारवाई करेगी.
एसपी ने अपने पत्र में कहा है कि अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा से स्पष्ट है कि बच्चों को हिरासत में नहीं रखा जायेगा. जहां उनके कृत साधारण प्रकृति छोटे मोटे अपराध का हो (अधिनियम की धारा 2(45) के अनुसार) ऐसे अपराधों में प्राथमिकी दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है.
नियम 8(1) के प्रावधान के अनुसार ऐसे मामलों को विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजेपीयू) या बाल कल्याण पदाधिकारी को अग्रसारित किया जाना चाहिए. ऐसे मामलों के संबंध में अपराध के ब्यौरे स्टेशन डायरी में अंकित कर विधि विरुद्ध बच्चों को किशोर न्याय समिति (जेजेबी) के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. बच्चों के संबंध में अधिनियम एवं नियमावली के प्रावधानों का सही क्रियान्वयन करें.