मधुबनी : बीते 10 जनवरी को अंधराठाढ़ी प्रखंड के पस्टन नवटोली गांव के अपहृत शिक्षक दिगंबर झा को जिले की पुलिस ने सुपौल जिला के कोसी दियरा क्षेत्र से बरामद कर लिया है. एसपी दीपक वरनवाल ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बताया कि अपहृत दिगंबर झा की सकुशल रिहाई हो गयी है. अपहरण में शामिल 11 लोगों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार कर लिया है. एसपी ने बताया कि अपहरण का मुख्य मास्टर माइंड अपहृत शिक्षक का भांजा सुधीर कुमार मिश्र है.
जो अंधराठाढी बाजार में ही मोबाइल का दुकान खोले हुए है. उसी ने अपने पार्टनर धीरेंद्र कुमार चौधरी के साथ मिलकर अपहरण की घटना को अंजाम दिया है. इस मामले में अपहृत का भांजा सुधीर कुमार मिश्र, धीरेंद्र कुमार चौधरी, प्रमिला देवी, सुरेश कुमार यादव, प्रेम कुमार चौधरी, राज कुमार मुखिया, प्रदीप मुखिया, घनश्याम मुखिया, लालू मुखिया, पंकज कुमार एवं राम स्वरूप महतो की गिरफ्तारी हुई है.
लाखों का हुआ था घाटा : अपहृत शिक्षक दिगंबर झा एवं सुधीर की मां जुड़वा भाई-बहन हैं. सुधीर की मां की शादी भी अंधराठाढी में ही हुआ था. सुधीर अपना आवास झंझारपुर में रखे हुआ था. पर अपना व्यवसाय वह अंधराठाढी में करता है. अंधराठाढी में ही उसका मोबाइल का दुकान है. मोबाइल की दुकान से वह नेपाल मोबाइल अनधिकृत रूप से सप्लाई करता है. उक्त जानकारी देते हुए एसपी श्री बरनवाल ने बताया कि मोबाइल की दुकान के मालिक अपहृत का भांजा सुधीर कुमार मिश्र का लाखों रुपये का घाटा हुआ था. वह अपने मामा से कई बार रुपये की मांग कर चुका था. 11 दिसंबर एवं 4 जनवरी को शिक्षक दिगंबर झा को रुपया देने के लिए धमकी भी मिल चुका है. पर रुपये नहीं देने पर 10 जनवरी को शातिर अपराधियों के माध्यम से उनका अपहरण कराया गया.
कैसे हुआ अपहरण : शिक्षक दिगंबर झा का अपहरण उनके अपने ही भांजा द्वारा किस तरह कराया गया यह बेहद रोमांचक है. अपहृत का भांजा सुधीर कुमार मिश्र अपने मोबाइल दुकान के पार्टनर धीरेंद्र कुमार चौधरी जो महथौर गोट अंधरामढ का निवासी है को मेल में लेकर प्लान बनाया. मधेपुर के फर्जी सीम विक्रेता से एक सीम खरीदा गया. उस सीम को चालू कर अदलपुर गांव थाना लखनौर के प्रेम कुमार चौधरी उर्फ मुंशी ने उक्त सीम धीरेंद्र कुमार चौधरी को दिया. उसी फर्जी सीम से अपहरण के बाद 25 लाख फिरौती देने की मांग की गई थी. हालांकि एसपी ने बताया कि बाद में अपराधियों ने उक्त सीम एवं मोबाइल को जलादिया. 10 जनवरी की रात बोलेरो पर पहले से घात लगाए अपराधियों ने शिक्षक श्री झा का अपहरण कर सुपौल जिला के डगमरा थाना के दियरा क्षेत्र के जंगलों में ले जाकर रखा.
झोला छाप डाॅक्टर ने किया इलाज :प्रेस कांफ्रेंस में शिक्षक दिगंबर झा के बांए आंख से खून की बुंदे टपक रहा था. पूछने पर उन्होंने बताया कि अपराधियों द्वारा बुट से आंख पर मारने के कारण आंख में काफी अधिक चोट है. एसपी ने बताया कि अपहरण के दौरान जब अपराधी की मार से अपहृत शिक्षक घायल हो गए तो कुनौली थाना के डगमारा गांव से एक झोला छाप डॉक्टर राम स्वरूप महतो ने आकर उनका इलाज किया था. एसपी ने बताया कि झोला छाप डॉक्टर राम स्वरूप महतो का इस क्षेत्र के अपराधियों से सांठगाठ है और वे अक्सर उन लोगों के इलाज के लिए दियरा क्षेत्र में जाता है. झोला छाप डॉक्टर को भी इस मामले में जानकारी गुप्त रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
नेपाल में बना था अपहरण का प्लान: शिक्षक दिगंबर झा का अपहरण का प्लान चार माह पूर्व नेपाल में बना था. नेपाल के एक होटल में शिक्षक श्री झा का भांजा सुधीर कुमार मिश्र, धीरेंद्र कुमार चौधरी एवं दो अन्य अपराधी ने मिलकर बनाया था. उक्त जानकारी एसपी श्री बरनवाल ने दी.
स्पीडी ट्रायल चलेगा, एसआइटी होंगे पुरस्कृत: पुलिस अधीक्षक श्री वरनवाल ने बताया कि अपहरण के इस मामले को पूरी तरह से सुलझा लिया गया है. अपहृत की सकुशल वापसी के साथ अपहरण में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अपराधियों का टीआइपी पैरेड कराया जायेगा. इस मामले में अभियोजन के सारे साक्ष्य पुलिस द्वारा इकट्ठा कर लिया गया है. इस मामले को स्पीडी ट्रायल कराया जायेगा. ताकि जल्द से जल्द अपराधियों का सजा दिलायी जा सके. उन्होंने कहा कि एएसपी झंझारपुर निधि रानी के नेतृत्व में गठित एसआइटी टीम में एसडीपीओ फुलपरास उमेश्वर चौधरी, पुलिस निरीक्षक सनोवर खां, ब्रह्मदेव सिंह, थानाध्यक्ष राम चंद्र मंडल, रंजीत कुमार, राम चंद्र चौपाल, रामशीष कामती एवं तकनीकि कोषांग के पीटीसी मधु सूदन पासवान को कांड के उद्भेदन में सफलता को लेकर पुरस्कृत किया जायेगा.
अपहृत व अपराधी को खाना पहुंचाती थी प्रमिला
इस पूरे मामले में एक महिला की भी गिरफ्तारी हुई है. एसपी ने बताया कि सिकरहटा पलार, थाना कुनौली के प्रमिलादेवी को गिरफ्तार किया गया है. क्योंकि प्रमिला देवी द्वारा अपहरणकर्ता और अपहृत को दियरा क्षेत्र में खाना पहुंचाने का कार्य करती थी. उसके पति कैला मुखिया की तलाश भी पुलिस कर रही है फिलहाल वह फरार है.
एक पिस्टल व चार जिंदा कारतूस बरामद
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिवार वालों द्वारा अगर पुलिस को पूर्ण सहयोग दिया गया होता तो यह मामला पुलिस तीन दिन पूर्व ही उद्भेदन कर लेती. पर परिवार के सदस्यों द्वारा पुलिस को गलत सूचना देकर भ्रमित किया जा रहा था. इससे पुलिस का अपना अनुसंधान भी प्रभावित हो रहा था. वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर पुलिस ने अंधरामढ थाना, डगमारा थाना, सुपौल एवं अन्य संभावित कई ठिकानों पर छापेमारी कर मामले का उद्भेदन कर लिया. अपराधियों के पास से एक 7.65 एमएम का पिस्टल, एक मैगजीन जिसमें चार जिंदा कारतूस, प्लास्टिक सीट, 12700 रुपये नगद, दवा से भरा हुआ बैग एवं 8 मोबाइल सेट बरामद किया.