मधुबनीः तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनमोहन शरण लाल ने हत्या के मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए झंझारपुर थाना क्षेत्र के इस्लामपुर वार्ड नंबर 11 नटटोली निवासी मो. जफीर व उसकी पत्नी नबीसा खातून को दफा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास की सजा मंगलवार को सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने अभियुक्तों को दस दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो महीना अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक राजेंद्र तिवारी व अपर लोक अभियोजक वैद्य नाथ चौधरी ने बहस करते हुए न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता ऋषिदेव सिंह ने बहस की. मामला झंझारपुर थाना कांड संख्या 85/10 से संबंधित है. इसमें अभियुक्तों पर सूचक रिजवाना खातून (मृतक) पर मिट्टी तेल छिड़क कर आग लगा कर हत्या करने का आरोप था. घटना का कारण बच्चों को लेकर हुए विवाद में मुकदमा को वापस लेने का दबाव अभियुक्तों द्वारा सूचक रिजवाना खातून पर दिया जा रहा था. बात बनता नहीं देख अभियुक्तों ने 27 जुलाई 2010 को 12 बजे दिन में घर में घुस कर घटना का अंजाम दिया था.
जख्मी हालत में रिजवाना को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मामलों में नौ साक्षियों ने न्यायालय में साक्ष्य दिया था. न्यायालय ने ज्योंहि सजा सुनायी नबीसा खातून फफक कर रो पड़ी. फैसला सुनाते वक्त न्यायालय में भारी भीड़ थी. लोग अभियुक्तों को देख रहे थे. फैसला के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता ऋषिदेव सिंह ने कहा कि इस फैसला के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जायेगी.