मधेपुरा. व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित एडीजे वन न्यायाधीश पीडी गुप्ता की अदालत ने मो आशीष उर्फ विसुआ को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. क्या था मामला पुरैनी थाना कांड संख्या 22 / 12 के अनुसार सूचक मो शहाबुद्दीन ने अपने भाई तारिक की हत्या का आरोप उसकी पत्नी खुशबू खातून, मो आशीष व मो सजीर पर लगाया था. शहाबुद्दीन ने आरोप लगाया था कि उसके भाई तारिक की पत्नी खुशबू का मो आशीष से अवैध संबंध था. पुलिस ने अपने अनुसंधान में पाया कि आशीष ने ही खुशबू के साथ मिल कर तारिक की जान ले ली. खुशबू को पहले ही मिल गयी सजा तत्कालीन एडीजे वाइएन सिंह ने मामले को निष्पादित करते हुए खुशबू खातून को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. मो सजीर को बरी किया गया था. 149 ए/ 2012 सत्रवाद संख्या पूरक अभिलेख में मामला मो आशीष का न्यायाधीश पीडी गुप्ता के यहां सुनवाई हुई. इसमें मो अशीष को हत्या का दोषी पाते हुए न्यायाधीश ने आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता राज प्रकाश सिन्हा ने कहा कि वह अदालत के फैसले से असंतुष्ट हैं, इसलिए ऊपर की अदालत में जायेंगे. वहीं राज्य की ओर से मामले की पैरवी वरीय अधिवक्ता व सहायक लोक अभियोजक ब्रजनंदन आर्य कर रहे थे.
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प्रेमिका के पति के हत्यारे को आजीवन कारावास
मधेपुरा. व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित एडीजे वन न्यायाधीश पीडी गुप्ता की अदालत ने मो आशीष उर्फ विसुआ को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. क्या था मामला पुरैनी थाना कांड संख्या 22 / 12 के अनुसार सूचक मो शहाबुद्दीन ने अपने भाई तारिक की […]
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