सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में धात्री व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं पुनः बहाल
सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में धात्री व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं पुनः बहाल
लखीसराय. जिले के सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत धात्री व गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधा को गुरुवार से पुनः बहाल कर दिया गया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ उमेश प्रसाद सिंह ने जानकारी दी कि राज्य कार्यपालक निदेशक द्वारा पत्र जारी कर निर्देश दिया गया है कि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाली सभी धात्री व गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात शिशुओं को यह सेवा नि:शुल्क प्रदान करना अनिवार्य है. डॉ प्रसाद ने बताया कि जिन स्वास्थ्य संस्थानों में सुमन कार्यक्रम चलाया जाना सुनिश्चित किया गया है, उन संस्थानों के लिए एनक्वास प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है. इस कारण सभी निर्धारित स्वास्थ्य संस्थानों में सुमन कार्यक्रम के तहत मिलने वाली सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी ताकि मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके. सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ सुरेश कुणाल ने बताया कि सुमन कार्यक्रम, जिसका पूरा नाम सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) है, वर्ष 2019 में शुरू की गयी एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहल है. इसका उद्देश्य हर गर्भवती महिला व नवजात शिशु को नि:शुल्क, सम्मानजनक व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. यह कार्यक्रम मातृ व नवजात मृत्यु दर को शून्य करने के लक्ष्य पर केंद्रित है. इसमें प्रसवपूर्व जांच, प्रसवोत्तर देखभाल, बीमार शिशुओं का प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं से इनकार किए जाने पर शून्य सहिष्णुता जैसे प्रावधान शामिल हैं. स्वास्थ्य प्रबंधक निशांत राज ने बताया कि सुमन कार्यक्रम के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं में नि:शुल्क प्रसवपूर्व व प्रसवोत्तर सेवाएं, सुनिश्चित प्रसवपूर्व जांच, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा सुरक्षित प्रसव और प्रसव के बाद छह माह तक की देखभाल शामिल है. इसके अलावा उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उनका समुचित स्वास्थ्य प्रबंधन सुनिश्चित करना भी इस योजना का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि रेफरल सेवाओं के अंतर्गत किसी भी आपातकालीन स्थिति में महिलाओं व शिशुओं को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है. साथ ही गृह भ्रमण के तहत प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ता नवजात शिशु आधारित गृह भ्रमण (एसबीएनसी) करती हैं, ताकि नवजात की स्थिति की निगरानी की जा सके. शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में जन्म के समय टीकाकरण की सुविधा, बीमार शिशुओं के उपचार की सुविधा और आवश्यकतानुसार रेफरल की व्यवस्था भी की गयी है. सुमन कार्यक्रम की सेवा बहाली से जिले की महिलाओं व नवजात शिशुओं को बड़ी राहत मिलेगी. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी व सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया है. वे इस योजना के तहत मिलने वाली सभी सेवाएं तय मानकों के अनुसार उपलब्ध करायें.
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