छोटी दीपावली व नरक चतुदर्शी मनाया गया प्रतिनिधि, लखीसरायमंगलवारको जिले के विभिन्न भागों में छोटी दीपावली व नरक चतुदर्शी का त्योहार मनाया गया. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष चतुदर्शी को छोटी दीपावली मनायी जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है. इसलिए घर-घर यम का दीया जलाया गया. घर की महिलाएं एक दीया जला कर घर से बाहर कहीं दूर रख आयी. इस दीये को मुड़ कर नहीं देखा जाता है. इसे यम दीया कहते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सभी बुराइया अर्थात बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती है. पंडित अजय ठाकुर के मुताबिक इस दिन पूजा करने से मानव अपने सभी अपराधों से मुक्ति पा लेता है और उसे मृत्यु के उपरांत विष्णुलोक में स्थान मिलता है. वहीं नरक चतुदर्शी को लेकर ठंडे दीये की भी पूजा की गयी. लोगों ने अपने पूजा गृह में चौक लगा कर उस पर धुले हुए मिट्टी के दीये रख कर उसमें तेल रहित बाती डाली. शाम में पांच दीयों में तेल डाल कर जला दिया गया. एक दीया पूजा घर में, एक तुलसी पिंड पर, एक रसोई घर में, एक घर के मुख्य दरवाजे पर व एक घर के पीछे के दरवाजे पर रखा गया. मान्यता है कि नरक चतुदर्शी पितरों के अर्घदान का पर्व है. इसे लेकर लोगों द्वारा आटे का लेप घर में भर कर चौराहे पर चलाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आज लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी की जयंती है. नरकासुर का वध आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने किया था और 16 हजार 100 कन्याओं को राक्षसों के चंगुल से छुड़ाया था.दीपावली आज, बाजारों में खूब हुई खरीदारी फोटो संख्या 01- मिट्टी के खिलौना की सजी दुकान फोटो संख्या 02- धान का लावा खरीदते ग्राहक फोटो संख्या 03-पटखा दुकानों पर लगी ग्राहकों की भीड़ फोटो संख्या 04- बाजार में बनी रही भीड़ फोटो संख्या 05 – मिठाई से सजा दुकानफोटो संख्या 06 – पूजन के लिए हो रही बही खाता की बिक्रीफोटो संख्या 07 – बाजार में बिक रही लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा प्रतिनिधि, लखीसरायबुधवार को मनाये जानेवाले रोशनी के त्योहार दीपावली को लेकर एक दिन पूर्व बाजारों में खरीदारों की भीड़ बनी रही. लोगों ने पटाखा के अलावा मोमबत्ती, मिठाई, सजावट की सामग्री गिफ्ट मिट्टी का दीया, कलश, ढकनी, खिलौने, चीनी के खिलौन, लावा फरही, घरौंदा, छोटा माला आदि की खरीदारी की. खास कर पटाखा, मोमबत्ती की दुकानों पर ग्राहकों की लगातार आवाजाही बनी रही. करें शुभ मुहुर्त में पूजा बुधवार को दीपावली मनायी जायेगी. इस दिन देवी लक्ष्मी व गणेश की पूजा की जायेगी. बुधवार की रात 10.28 बजे तक अमावस्या है. इस दिन प्रात: 7.02 बजे से 9.18 बजे तक बृश्चिक लग्न है. इसके बाद शाम 5.48 बजे से 7.43 बजे तक वृष व रात 12.15 बजे से देर रात 2.29 बजे तक सिंह लग्न है. ये तीनों लग्न भगवान की पूजा के लिये उत्तम माना गया है. बुधवार की शाम से ही गणेश-लक्ष्मी जी की पूजा शुरू हो जायेगी. ऐसे बरतें शुद्धतासुबह स्नान कर नये वस्त्र धारण कर उपवास रखें घर की सफाई कर पवित्र जल का छिड़काव करें पूजन के बाद संध्याकालीन पूरे घरों में दीप जलायें पूजन सामग्री जल, मौली, चावल, गुड़, फल, फूल, गुलाल, रोली, सिंदूर, धूप, अगरबत्ती, कमल का फूल, दूर्वा, कमलगट्टे की लाला पूजन विधि भूमि पर थाल को शुद्ध करके नवग्रह बनायें. ताबें का कलश बनायें जिसमें गंगाजल, दूध, दही, शहद, सुपारी व लौंग डाल कर उसे लाल कपड़े से ढक कर एक कच्चा नारियल कपड़े में बांध कर रखें जहां नवग्रह बनाया गया है. वहां सोने-चांदी का सिक्का लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां को सजाये धातु की मूर्ति हो तो दूध, दही व गंगाजल से स्नान करा अक्षत चंदन से सिंगार कर फल-फूल आदि से सजायें. दाहिनी ओर पंचमुखी दीपक जला कर उत्तर या पूरब की ओर मुंह करके बैठ जायें. चौके पर लाल या पीला कपड़ा बिछा दें व गणेश जी का स्मरण कर पूजन शुरू करें. शांत मन से लक्ष्मी का आह्रान करें. गंध, अक्षत, धूप दीप से दुर्गा जी और लक्ष्मी नारायण जी का स्वागत करें और उन्हें नारियल, पान, सुपारी अर्पित करें. लक्ष्मी पूजन मंत्र का पाठ करें.बाजारों में लावा फरही और घरौंदा की बिक्री चरम पर बाजारों में दीपावली को लेकर लावा फरही व घरौंदा की दर्जनों अस्थायी दुकान सजायी गयी थी जहां खरीदारों की भीड़ बनी रही. लोहे के चदरे व फाइवर से से बना घरौंदा बच्चों की पसंद बना रहा. आमतौर पर इस तरह का घरौंदा दो सौ रुपये से लेकर 11 सौ रुपये तक में रुपये तक में बेचा गया. इसके अलावे थर्मोकॉल से बना घरौंदा भी बाजारों में उपलब्ध रहा. कैंडिल की सबसे अधिक बिक्री ज्योति पर्व दीपावली को लेकर सबसे अधिक बिक्री कैंडिल की हुई. बाजारों में आम तौर पर 15 से 40 रुपये तक प्रति पैकेट का कैंडिल उपलब्ध था जहां खरीदारों की भीड़ बनी रही. फुटपाथ पर कैंडिल बचने वाले सैकड़ों अस्थायी दुकानें सजायी गयी थी. जिले में कुल 20 से 25 लाख तक कैंडिल व्यवसाय होने का अनुमान है. मिष्ठान भंडारों में ग्राहकों की रही भीड़ शहर के मिष्ठान भंडारों में खरीदारों की भीड़ देखी गयी. मिष्ठान भंडार दुकानदारों द्वारा लड्डू सहित अन्य मिष्ठान का स्टॉक किया गया था. अच्छी क्वालिटी का लड्डू 100 से 125 रुपये तक बेचा गया. इसके अलावे छेना की मिठाई की भी मांग बनी रही. दीपावली में जिले में लगभग 12 लाख का मिठाई का कारोबार होने का अनुमान है. पटाखों की दुकानों पर उमड़ा ग्राहकों की भीड़ पटाखें की दुकानों में ग्राहकों की सर्वाधिक भीड़ देखी गयी. इन दुकानों में मुरगा छाप पटाखें की सर्वाधिक डिमांड बनी रही. अच्छी किस्म का लॉकी छोटा 120 रुपये पॉकेट, स्पेशल फलवर 180 रुपये पैकेट व डीलक्स फलावर 240 रुपये पैकेट बेचा गया. जबकि मुरगा छाप मिनी बुलेट 35 रुपये प्रति पैकेट की दर से बिका. अच्छी किस्म का फुलझड़ी 70 से 300 रुपये पैकेट, घिरनी 80 से 160 रुपये पैकेट, छुरछुरी 20 रुपये से लेकर 25 रुपये पैकेट तक बिका. रॉकेट की बिक्री 70 रुपये से 400 रुपये प्रति डब्बा तक हुआ. जिले भर में तकरीवन 70 लाख रुपये का पटाखा का कारोबार होने का अनुमान है. महंगाई के कारण फूल की मांग रही कम दीपावली में आम तौर पर लोग एलइडी लाइट के अलावे अपने घरों व दुकानों को फूलों से सजाते हैं. इसको लेकर खास कर गेंदें के लड़ी की सर्वाधिक मांग बनी हुई है. बुधवार को फूल बाजार में गेंदें की एक लड़ी की कीमत 25 रुपये तक रही. फूल व्यापारी बबलू मालाकार ने बताया कि आम तौर पर गेंदें की एक लड़ी की कीमत 8 सा 10 रुपये तक होता है लेकिन दीपावली में गेंदें की लड़ी की काफी डिमांड होने के कारण इसकी कीमत में काफी इजाफा देखा जा रहा है. मंगलवार को गेंदें की एक लड़ी की कीमत 15 से 20 रुपये तक रहा. फूल के कारीगर रंजीत कुमार ने बताया कि कोलकाता से फूल मंगाया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में 50 हजार तक का फूल का कारोबार होता है लेकिन महंगाई के कारण लोग अपनी जरूरतों के मुताबिक फूल की खरीदारी करने से कतरा रहे हैं. इसकी जगह एलइडी बल्ब लगा कर अपने घरों व दुकानों की सजावट करना सस्ता हो गया है. गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा की भी हुई बिक्रीदीपावली में धन की देवी लक्ष्मी के साथ प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा की जाती है. आम तौर पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा ग्राहकों के लिये दस रुपये से लेकर दो सौ रुपये में बेची जा रही है. प्रतिमा के कारोबारी भरत मोदी के मुताबिक प्लास्टर अरफ पेरिस की प्रतिमा पटना के अलावे गया से मंगायी गयी है. अब लोकल में भी यह प्रतिमा बनने लगा है. पेरिस की प्रतिमा अपेक्षाकृत सस्ती व आकर्षक होती है इसलिए यह प्रतिमा ग्राहकों को खूब भाया. श्री मोदी के मुताबिक पिछले तीन साल से वे इस कारोबार को कर रहे है. दो-तीन दिनों की मेहनत में दो-ढाई हजार तक की कमाई हो जाती है. गिफ्ट की दुकानों में प्लास्टिक से बनी एलइडी लाइट लगी आकर्षक लक्ष्मी-गणेश भी ग्राहकों को खूब पसंद आया. इन प्रतिमाओं की बिक्री दो सौ से लेकर एक हजार रुपये तक में हुई. खायें मिठाई संभल कर लखीसराय. दीपावली पर्व के मौके पर खुशियां मनाने के साथ ही अपने परिजनों को मुंह मीठा कराने की पुरानी परंपरा रही है. इस मौके पर शायद ही कोई ऐसा घर हो जहां मिठाई की खरीदारी कर अपने परिजनों के साथ उसका आनंद नहीं लिया जाता हो. दीपावली को लेकर बाजारों में भी लड्डू, छेना के विभिन्न मिठाई, खोवा की विभिन्न प्रकार की मिठाइयों से दुकानें सजी हुई है. वहीं दूसरी ओर इन मिठाइयों में मिलायी जाने वाली सिन्थेटिक्स कलर व अन्य समाग्रियों से इसकी मिठास में कई आ रही है. जानकारों की मानें तो कम लागत व ज्यादा मुनाफा की चाहत में मिठाई के कारोबारी लोगों की सेहत की परवाह किये बिना धड़ल्ले से इन मिठाइयों में रासायनिक केमिकल्स का उपयोग कर लोगों के सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. दुकानों में सजी रंग बिरंगी मिठाइयां भले ही देखने भर मात्र से मन को लुभा रही हो लेकिन इनकी गुणवत्ता के संबंध में कुछ भी कह पाना काफी मुश्किल है. बतातें चले कि दीपावली के मौके पर मिठाई कारोबारी लाखों रुपये के कारोबार करते हैं. वहीं इस संबंध में शहर के जाने माने चिकित्सक डा.उपेन्द्र सिंह ने बताया कि मिलावटी मिठाइयों के सेवन से मनुष्य के लीवर व किडनी के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती हैं तथा इसके साथ ही डायरिया भी हो सकता है.
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छोटी दीपावली व नरक चतुदर्शी मनाया गया
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