बगैर लाइसेंस के उर्वरक, बीज व कीटनाशक दवा भंडारण मामले में प्राथमिकी, चार को भेजा जेल

अवैध खाद कारोबार में तीन उत्तर प्रदेश, एक हाजीपुर व दो महेशखूंट के थे शामिल

By RAJKISHORE SINGH | November 20, 2025 9:35 PM

– जब्त खाद-बीज व कीटनाशक दवा का सैंपल भेजा गया प्रयोगशाला

– अवैध खाद कारोबार में तीन उत्तर प्रदेश, एक हाजीपुर व दो महेशखूंट के थे शामिल

– दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी में आधे दर्जन कारोबारी के विरुद्ध प्राथमिकी, दो फरार

खगड़िया. महेशखूंट थाना क्षेत्र में बीते बुधवार को अलग-अलग जगहों पर कृषि पदाधिकारी ने छापेमारी कर अवैध खाद-बीज भंडारण का भंडाफोड़ किया है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने आधे दर्जन अवैध खाद कारोबारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुलिस ने एक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जबकि दूसरे में मामले में कारोबारी फरार है. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गोगरी ने बगैर लाइसेंस के उर्वरक, बीज व कीटनाशी भंडारण करने में मामले में कांड संख्या 173-25 दर्ज कराया गया. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गोगरी प्रेरणा कुमारी ने आवेदन में कहा कि स्थानीय किसानों द्वारा सूचना मिली थी, कि थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या चार निवासी दीपनारायण चौरसिया के पुत्र सुशील कुमार के मकान के निचले तल पर बने गोदाम में विभिन्न प्रकार की अवैध उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी भंडारित है. त्वरित कार्रवाई करते हुए बीते बुधवार की दोपहर उक्त स्थल पर पहुंच कर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अवैध उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी व अन्य बरामद किया गया. इस दौरान कारोबार में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

खाद-बीज के अवैध कारोबार में उत्तर प्रदेश के कारोबारी हैं शामिल

अनुमंडल कृषि पदाधिकार ने बताया कि पूछताछ के दौरान उपस्थित हाजीपुर के चकविया धौसपुरा इजरा गांव निवासी जय नारायण ठाकुर के पुत्र राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर द्वारा कोशी सहजीवन कार्यक्रम के अन्तर्गत मक्का बीज एवं खाद वितरण का कार्य किया जा रहा है. इस संबंध में उनसे इस कार्य के लिए उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी की अनुज्ञप्ति के संबंध में पूछा गया तो किसी भी प्रकार की कोई अनुज्ञप्ति नहीं दी. बताया कि उक्त कारोबार में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के थाना केम्पियरगंज क्षेत्र के मछली गांव निवासी रामराज शर्मा के पुत्र कार्तिकेय शर्मा, बेलीपुर थाना क्षेत्र के कुशमोल जंगलरानी सोहास कुवारी टोला निवासी समरजीत सिंह के पुत्र शत्रुजीत सिंह, महाराजगंज जिले के नीचलौल थाना क्षेत्र के मियामोहल्ला निवासी चन्द्रिका तिवारी के पुत्र कन्हाई तिवारी व मकान मालिक महेशखूंट थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या चार निवासी दीप नारायण चौरसिया के पुत्र सुशील कुमार शामिल है.

गोदाम से ये खाद-बीज व कीटनाशक किया गया जब्त

बताया कि उक्त गोदाम से विभिन्न प्रकार की कंपनी का खाद बीज व कीटनाशक बरामद किया गया. बताया कि पायोनियर संक्कर मक्का बीज पी3355 का कुल 226 बोरा बरामद किया गया. कुल बीज 6328 किलो बरामद किया गया. पायोनियर संकर मक्का बीज पी3532 का कुल 7952 किलो, खरपतवार नाशी एट्रीजन 50 प्रतिशत डब्लूपी उत्पाद कुल 123 कार्टून एवं 10 पैकेट 500 ग्राम का प्रति पैकेट खुला पैकेट कुल 1235 किलो, उर्वरक जिंक सल्फेट जिंके 21 प्रतिशत, सल्फर 10 प्रतिशत का कम्पनी का नाम कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड का कुल 47 बारा, व 18 पैकेट (एक किलो प्रति पैकेट खुला) कुल 2368 किलो, बैनर मक्का बीज एवं खाद वितरण, विषय, आयोजक- गोरखपुर मानव सेवा संस्थान सेवा का दिन अंकित था.

बताया जाता है कि डीएम को गुप्त सूचना मिली थी कि महेशखूंट थाना क्षेत्र के लोहिया चौक के समीप कॉपरेटिव बैंक के बगल में श्याम चौरसिया उर्फ श्याम साह के तीन मंजिला मकान में रहकर नकली बीज एवं कीटनाशी का सप्लाई किया जा रहा है. बताया कि त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया. गठित टीम द्वारा मामले की जांच करायी गयी. जांच के दौरान श्याम चौरसिया उर्फ श्याम साह के घर में अवैध/अनियमानुकूल उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी के भंडारण एवं खरीद-बिक्री पाया गया. कारोबारी के विरुद्ध महेशखूंट थाना में कांड संख्या 174-25 दर्ज किया गया. सभी को जेल भेज दिया गया है.

पत्नी के नाम से खुदरा खाद बीज का है लाइसेंस, पति दूसरे जगह बेचता था थोक

बताया जाता है कि श्याम चौरिया पत्नी के नाम पर खुदरा खाद बीज का लाइसेंस लिया था. लेकिन, पति दूसरे जगह अवैध रूप से थोक में खाद बिक्री कर रहा था. बताया जाता है श्याम चौरसिया उर्फ श्याम साह की पत्नी सीता देवी के नाम से खुदरा बीज बिक्री अनुज्ञप्ति है. लेकिन, लोहिया चौक स्थित मकान में खाद खरीद बिक्री का अनुज्ञप्ति में श्याम चौरसिया उर्फ श्याम साह का लाइसेंस नहीं है. उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी के भंडारण एवं खरीद-बिक्री बगैर अनुज्ञप्ति के अवैधानिक है. इस प्रकार के कृत्य से उत्पादकता के साथ-साथ किसानों का हित प्रभावित होता है.

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