हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया भैया दूज

यमुना ने की थी तिलक की शुरुआत

By RAJKISHORE SINGH | October 23, 2025 9:58 PM

बहनों ने भाई के माथे पर तिलक लगाकर की लंबी आयु की कामना

खगड़िया/गोगरी. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि को मनाया जाने वाला भैया दूज जिले में धूमधाम से मनाया गया. भाई और बहन के स्नेह का पर्व भैया दूज को लेकर गुरुवार को भाई बहनों में काफी उल्लास था. बहनों ने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करके भाई के मस्तक पर तिलक लगाया. हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है. इसी के साथ पंच दिवसीय दीपोत्सव का समापन हो गया. नगर परिषद में कई स्थानों पर सामूहिक भैया दूज पूजा का आयोजन किया गया. आकांक्षा कुमारी, लवली सिंह, साक्षी सिंह, बेबी कुमारी, कंचन कुमारी, संगीता कुमारी, नेहा कुमारी, अंजली कुमारी, पूजा कुमारी, प्रमिला कुमारी, छोटी कुमारी, विभा देवी सहित अन्य बहनों ने बताया कि हम लोगों ने पारंपरिक तरीके से भैया दूज का पर्व मनाया. सामूहिक पूजा में शामिल होकर अपने भाइयों के दीर्घायु एवं स्वस्थ होने की कामना की. बहनों ने बताया कि भाई दूज का त्योहार भी रक्षा बंधन की तरह भाई और बहन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए होता है. इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु के लिए प्रार्थना करती है, साथ ही एक सूखा नारियल उसे देती है. इसके बाद भाई अपनी बहन को प्रेम स्वरूप उपहार भेंट करता है. कहा जाता है कि भाई दूज का इतिहास यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़ा हुआ है. इस कारण इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है.

यमुना ने की थी तिलक की शुरुआत

मान्यताएं हैं कि भाई और बहन के इस पावन पर्व की शुरुआत यमुना मैया ने की थी. पौराणिक कथा के अनुसार यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत ज्यादा प्यार करते थे. यमुना की शादी के बाद काफी लंबा समय बीत गया, लेकिन यमराज अपनी बहन यमुना से नहीं मिल सके थे. यमुना मैया भी उन्हें काफी याद कर रही थी. तभी एक दिन अचानक यमराज यमुना के पास उनसे मिलने के लिए पहुंच गये. उस दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी. भाई को देखकर यमुना अति प्रसन्न हुई. उन्होंने भाई के स्वागत के लिए ढेरों पकवान बनाए. जब वो जाने वाले थे, तो यमुना ने उनके मस्तक पर तिलक किया और मिष्ठान खिलाए. इस पर प्रसन्न होकर यमराज ने उनसे उपहार स्वरूप एक वरदान मांगने को कहा. तब यमुना ने कहा कि आप अब से हर साल उनसे इस दिन मिलने आएंगे. आज के दिन जो बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करेगी, उस भाई को यमराज लंबी उम्र प्रदान करेंगे और वो भाई अपनी बहन की हमेशा रक्षा करेगा. यमुना की बात सुनकर यमराज ने तथास्तु बोल दिया. इसके बाद से ही हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा.

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