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चढ़ावा की परंपरा होगी बंद

तैयारी. अब मोटेशन के लिए कर्मियों का नहीं करना पड़ेगा दरबारी लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अलावा ऑनलाइन के तहत मोटेशन निर्गत करने के लिए प्रशासनिक प्रयास तेज कर दिये गये हैं. संभावना है कि तीन महीने में जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूरा हो जायेगा. खगड़िया : दाखिल खारिज से अनियमितता दूर करने […]

तैयारी. अब मोटेशन के लिए कर्मियों का नहीं करना पड़ेगा दरबारी

लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अलावा ऑनलाइन के तहत मोटेशन निर्गत करने के लिए प्रशासनिक प्रयास तेज कर दिये गये हैं. संभावना है कि तीन महीने में जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूरा हो जायेगा.
खगड़िया : दाखिल खारिज से अनियमितता दूर करने के लिए सरकार गंभीर है. अब लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अलावा ऑनलाइन के तहत मोटेशन निर्गत करने के लिए प्रशासनिक प्रयास तेज कर दिये गये हैं. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि जब तक जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता है
, तब तक ऑन लाइन मोटेशन का आवेदन जमा नहीं हो सकता है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि तीन महीने में जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूरा हो जायेगा. इस व्यवस्था से मोटेशन में अनियमितता की गारंटी पर पूर्णविराम लग जायेगा. भूस्वामी को राजस्व कर्मी का दरबारी नहीं करना पड़ेगा. हालांकि अभी भी यह परंपरा बना हुआ किसान नामांतरण के लिए सुबह शाम राजस्व कर्मी के घर का चक्कर लगाते दिख जाते हैं. राजस्व कर्मी को सहयोग करने वाले अवैतनिक कर्मी भूस्वामी से राजस्व कर्मी के नाम पर राशि उगाही करने की कई शिकायतें मिलती रही है. कई बार तो कार्रवाई भी हुई है लेकिन अभी भी भूस्वामी की परेशानी खत्म नहीं हुई है.
आम लोगों में अभी भी यह धारणा बनी हुई है कि मोटेशन का मतलब चढ़ावा. जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण होने के बाद चढ़ावा की परंपरा से लोगों को छुटकारा मिल सकता है. सूत्रों की माने तो लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद भी मोटेशन में व्याप्त अनियमितता दूर नहीं हो सकी. अब लोगों की नजरें ऑन लाइन मोटेशन पर टिकी हुई है. जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन होने के बाद सब कुछ पटरी पर आने की संभावना है.
तीन तरह से कर सकते हैं आवेदन
मोटेशन के लिए अब आवेदक तीन तरह से आवेदन कर सकते हैं. लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदक आरटीपीएस काउंटर पर मोटेशन का आवेदन जमा कर सकते हैं. जबकि, पंचायतों में लगने वाले शिविर में भी मोटेशन के लिए आवेदन करने का प्रावधान है. इसके अलावा आवेदन करने का तीसरा विकल्प आनलाइन है, जिसका इंतजार लोगों को कम से कम तीन महीने करना पड़ेगा. ऑनलाइन मोटेशन के लिए सरकार गंभीर है. जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण होने के बाद लोगों की परेशानी दूर हो जायेगी.
निदेशक ने डीएम को लिखा पत्र
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक वीरेन्द्र कुमार मिश्र ने डीएम को पत्र लिखकर ऑनलाइन मोटेशन के लिए आवश्यक निर्देश दिये हैं. पत्र के अनुसार जिला मुख्यालय में अभियान चलाकर 15 जून से 15 अगस्त के बीच जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य दिया है. पत्र के अनुसार ऑन लाइन मोटेशन के लिए साफ्टवेयर को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
क्या है फायदे
जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन का कार्य पूर्ण होने पर किसानों को कई फायदे हैं. इस कार्य के पूरा होने पर आवेदक कहीं से भी मोटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन के तहत मोटेशन करने पर लोगों को भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही मोटेशन अस्वीकृत होने की परंपरा पर भी विराम लग जायेगा.
जमाबंदियों का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन होने से मोटेशन में बिचौलिया की भूमिका भी खत्म हो सकती है. ऑनलाइन व्यवस्था को सफल बनाने में लोगों को भी जागरूक होने की आवश्यकता है. जिनकी जमाबंदी का डिजीटाइजेशन/कम्प्यूटराइजेशन नहीं हुआ है, उन्हें अपने क्षेत्र के राजस्व कर्मचारी के सहयोग से इस कार्य को पूरा करा लेना चाहिए.

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