बेलदौर : कोसी नदी में संध्या पांच बजे के बाद नावों के आवाजाही पर प्रतिबंध से यात्रियों में नाराजगी व्याप्त है. उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी सार्वजनिक नावों का परिचालन इसी अवधि तक होता था, लेकिन इस अवधि के बाद भी नदी को आर-पार करने के यात्रियों को निजी नाव मिल जाता था. इससे नदी के दोनों किनारे के गांवों में कार्य करने वाले लोगों के अलावा जिला मुख्यालय से प्रखंड मुख्यालय एवं यहां से जिला मुख्यालय जाने में देर संध्या तक कोई परेशानी नहीं होती थी.
लेकिन मंगलवार को नौका डूबने के बाद प्रशासन ने नाव के परिचालन पर पांच बजे के बाद पूरी तरह रोक लगा दी. इससे से मंगलवार को नदी के दोनों किनारे हजारों के संख्या में यात्री देर रात तक नदी पार करने के लिए भटकते रहे. प्रशासन के इस कदम से दोनों किनारे फंसे नाराज सैकड़ों यात्री इसे तुगलकी फरमान की संज्ञा दे रहे थे. लोगों के मुताबिक इस तरह का प्रतिबंध का अनुपालन पहले से करवाया गया होता तो यात्रियों को यह परेशानी नहीं झोलनी पड़ती. वर्त्तमान समय में चांदनी रात में नौकाओं का परिचालन नदी में देर रात तक संभव है.
जरूरत है दोनों किनारे के घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का, लेकिन इससे बचने के लिए प्रशासन ने नाव के परिचालन पर ही पांच बजे के बाद प्रतिबंध लगा दिया ताकि अंधेरे होने के बाद यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़े. प्रशासन के प्रतिबंध से पांच बजे के बाद उसराहा व सोनवर्षा घाट पहुंचने वाले यात्रियों को नदी पार करना समस्या बन गयी है. इससे परेशान यात्रियों ने प्रशासन से पांच बजे के बाद घट पर पहुंचने वाले यात्रियों को नदी आर-पार करवाने की कोई ठोस व सुरक्षित साधन उपलब्ध करवाने की मांग की है.