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पोषण पुनर्वास केंद्र. बच्चों के भरती रहने के दौरान मिलने वाले प्रोत्साहन राशि में गोलमाल

तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट तलब निहायत ही गरीबों के लिए खोले गये पोषण पुनर्वास केंद्र संचालन व प्रोत्साहन राशि भुगतान में गड़बड़ी के खुलासे बाद सिविल सर्जन ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए जांच के आदेश दिये है. इधर, रजिस्टर में हेराफेरी कर अनुदान वितरण में धांधली सहित दूसरी गड़बड़ी सामने आने के […]

तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट तलब

निहायत ही गरीबों के लिए खोले गये पोषण पुनर्वास केंद्र संचालन व प्रोत्साहन राशि भुगतान में गड़बड़ी के खुलासे बाद सिविल सर्जन ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए जांच के आदेश दिये है. इधर, रजिस्टर में हेराफेरी कर अनुदान वितरण में धांधली सहित दूसरी गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्रवाई से बचने के लिए कागजात से छेड़छाड़ की आशंका है.
खगड़िया : पोषण पुनर्वास केंद्र में प्रोत्साहन राशि में हेराफेरी प्रकरण में शिकंजा कसने की उम्मीद बढ़ गयी है. सिविल सर्जन डॉ रासबिहारी सिंह ने गरीबों की महत्वाकांक्षी योजना में गड़बड़ी की शिकायत पर सख्त रुख अपनाते हुए डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, जो तीन दिनों के अंदर सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके बाद दोषियों पर शिकंजा कसा जायेगा. साथ ही इसकी मॉनीटरिंग में लापरवाही बतरने वाले जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी.
ताजा मामला आर्थिक अनुदान वितरण में हेराफेरी से जुड़ा हुआ है. इसमें भरती होने वाले बच्चों के परिजनों को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन पुनर्वास केंद्र के आर्थिक अनुदान वितरण रजिस्टर की सच्चाई बड़े पैमाने पर हेराफेरी की ओर इशारा कर रहे हैं. कहीं अंगुठा तो कहीं एक ही व्यक्ति द्वारा कई हस्ताक्षर कर प्रोत्साहन राशि के बंदरबांट की बात सामने आयी है.
हालांकि पोषण पुनर्वास केंद्र के सीबीसी अमर कुमार सहित दूसरे कर्मियों ने सारे आरोपाें को बेबुनियाद बताया है. केंद्र के कर्मियों की मानें तो यहां सारे काम प्रावधान के अनुसार संपन्न हो रहे हैं.
अंधेरा होते ही अधिकतर कर्मचारी गायब
बताया जाता है कि पोषण पुनर्वास केंद्र में रात के वक्त अधिकांश कर्मचारी गायब हो जाते हैं. इतना ही एएनएम की ड्यूटी में घोर लापरवाही बरती जा रही है. घर बैठे ड्यूटी में मौजूद दिखा कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है. केंद्र में तैनात चिकित्सक के दर्शन दुर्लभ हैं. इसका खुलासा पूर्व में भी हो चुका है.
तत्कालीन डीएम राजीव रोशन द्वारा रात में किये गये निरीक्षण में कई गड़बड़ियों पर से परदा हटा था. उस वक्त भी रात में कर्मी फरार मिले थे. कार्रवाई की गाड़ी आगे बढ़ती की डीएम साहब का ट्रांसफर हो गया. लिहाजा, नतीजतन, कार्रवाई की बात फाइलों में दब कर रह गयी.

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