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कालाजार खोज कैंप का आयोजन सात सितंबर से
खगड़िया : सात सितंबर से सभी प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन के लिए खोज कैंप का आयोजन किया जायेगा. खोज कैंप के माध्यम से छिपे हुए कालाजार रोगियों की खोज स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर पर की जायेगी. संदिग्ध कालाजार व पीकेडीएल के रोगियों की जांच कर नि:शुल्क एवं पूर्ण इलाज ससमय मुहैया करायी जायेगी. यह कैंप अलग-अलग […]
खगड़िया : सात सितंबर से सभी प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन के लिए खोज कैंप का आयोजन किया जायेगा. खोज कैंप के माध्यम से छिपे हुए कालाजार रोगियों की खोज स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर पर की जायेगी. संदिग्ध कालाजार व पीकेडीएल के रोगियों की जांच कर नि:शुल्क एवं पूर्ण इलाज ससमय मुहैया करायी जायेगी. यह कैंप अलग-अलग उप स्वास्थ्य केंद्रों पर 7 से 13 सितंबर तक लगाया जायेगा.
बेलदौर के कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक राजेश कुमार एवं केयर इंडिया के प्रखंड समन्वयक मनीष कुमार ने बताया कि खोज कैंप की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. खोज कैंप के लिए कालाजार से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों का चयन कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि बेलदौर प्रखंड के पचाठ, माली, अकहा, सकरोहर,महिनाथ नगर, पचैत एवं कुर्बन में 7 से 13 सितंबर तक क्रमश: कैंप का आयोजन किया जायेगा.
बोले िचकित्सा पदािधकारी
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार ने बताया कि जिन मरीजों को लगातार 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार के लक्षण दिख रहे हो जो मलेरिया या अन्य एंटीबायोटिक दवा से ठीक नहीं हो रहा हो, वैसे मरीज अपने नजदीकी कैंप में जाकर जांच करवायें. उन्होंने संबंधित क्षेत्र के एएनएम व आशा कार्यकताअरं को अपने अपने क्षेत्रों में कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान कर कालाजार खोज कैंप तक लाने का निर्देश दिया. सिंगल डोज से हो रहा कालजार का इलाज जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ विजय कुमार तथा केयर इंडिया के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि कालाजार के इलाज के लिए मरीजों का इलाज सिंगल डोज एंबीजोम से सदर अस्पताल में बीते जनवरी से आरंभ किया जा चुका है.
जिसके बाद इसका विस्तार अलौली, गोगरी एवं बेलदौर स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया है. जिससे दूर दराज के इलाकों के रोगियों को कालाजार के इलाज के लिए सदर अस्पताल आने की समस्या से मुक्ति मिल जायेगी. ऐसे मरीजों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में ही संभव हो गया है. उन्होंने बताया कि पहले कालाजार के रोगियों को 28 दिनों तक लगातार दवा का सेवन करना पड़ता था. अब मात्र एंबीजोम के सिंगल डोज से ही कालाजार का इलाज संभव हो गया है.
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