कई बार तस्करी में गिरफ्तारी के बाद भी सरगना के हथियार का लाइसेंस नहीं हुआ रद्द
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सरगना ने रेवड़ी की तरह बांटे हथियार के फर्जी लाइसेंस
कई बार तस्करी में गिरफ्तारी के बाद भी सरगना के हथियार का लाइसेंस नहीं हुआ रद्द गोगरी (खगड़िया) : हथियार तस्कर का सरगना राजकिशोर राय उर्फ माटो राय की गिरफ्तारी के लिए गुरुवार को यूपी पुलिस की स्पेशल टीम के साथ गोगरी पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की. हालांकि अब तक सरगना पुलिस की गिरफ्त से […]
गोगरी (खगड़िया) : हथियार तस्कर का सरगना राजकिशोर राय उर्फ माटो राय की गिरफ्तारी के लिए गुरुवार को यूपी पुलिस की स्पेशल टीम के साथ गोगरी पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की. हालांकि अब तक सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. खगड़िया के गोगरी थाना क्षेत्र के कटघरा निवासी और अंतरराज्यीय हथियार तस्कर का मास्टरमाइंड राजकिशोर राय उर्फ माटो राय की गिरफ्तारी के लिए उसके घर पर छापेमारी की गयी थी.
सरगना ने रेवड़ी…
घर खगड़िया में, लाइसेंस मुंगेर का
आपके पास लाइसेंस असली हो या नहीं, लेकिन आर्म्स एकदम असली मिल जायेगी. इस तरह का अवैध कारोबार करने वाले एक बड़ा गिरोह खगड़िया जिला के गोगरी में है. हालांकि बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने इस गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने हथियार के दबोचने में सफलता पायी है. तीन जुलाई 2016 को यूपी-बिहार बॉर्डर सीवान में हथियार के बड़ी खेप के साथ राजकिशोर पकड़ा भी गया था. जेल से छूटने के बाद फिर वह हथियार की तस्करी में जुट गया था.
बावजूद इसके खगड़िया या मुंगेर के अधिकारी ने सरगना माटो राय के शस्त्र अनुज्ञप्ति को रद्द करने की जहमत नहीं उठाया. बता दें कि राजकिशोर राय उर्फ माटो राय का घर खगड़िया जिला के गोगरी थाना क्षेत्र में है. लेकिन, ताज्जुब की बात ये है उनका आर्म्स लाइसेंस मुंगेर जिला से मिला हुआ है. यदि सही ढंग से जांच किया जायेगा, तो तस्कर के आर्म्स लाइसेंस में भी फर्जीवाड़ा सामने जरूर आयेगी. बताया जाता है कि राजकिशोर राय प्रति हथियार 35-40 हजार रुपये या कभी-कभी इससे ज्यादा का मार्जिन या मुनाफा लेकर हथियार को बेच देता था.
लाइसेंसी हथियार दुकानदार भी खा जाते थे धोखा :
राजकिशोर राय के आर्म्स लाइसेंस को देखकर कोई एक बारगी यह नहीं कह सकता कि ये फर्जी है या असली. इतना ही नहीं राजकिशोर राय के पास कई राज्य का फर्जी लाइसेंस बना हुआ है, लेकिन इसका खुलासा तभी होगा जब राजकिशोर राय की गिरफ्तारी होगी. इनके पास का फर्जी लाइसेंस इतने असली दिखते थे कि इन पर कानपुर की इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तरफ से मान्यता प्राप्त कोई आर्म्स दुकानदार भी धोखा खा जाते थे. इन लाइसेंसों के आधार पर इन्हें .315 का राइफल व कारतूस के साथ दे दिया जाता है.
साथ में ट्रांजिट चालान भी दुकान वाले जारी कर देते थे, जिसके आधार पर वह आसानी से राइफल लेकर बिहार चले आते हैं. रास्ते की चेकिंग में कोई पकड़ भी नहीं पाता था. इनके काम करने के तरीके को देखकर सीवान पुलिस भी हैरान हो गयी थी. इतनी सफाई से फर्जी लाइसेंस तैयार करते हैं कि वह कहीं से नकली नहीं लगता है. फिर डिलिंग भी उतनी ही शानदार तरीके से वह कानपुर में करता था.
सरगना की गिरफ्तारी से खुलेगा राज
गोगरी के कटघरा दियारा निवासी राजकिशोर राय उर्फ माटो राय की गिरफ्तारी के बाद कई और राज पर से पर्दा उठने की उम्मीद है. ऐसे में सवाल उठता है कि कितने बड़े अपराधी को नकली लाइसेंस पर हथियार की सप्लाई की गयी? अभी तक कितने हथियार इलाके में किन अपराधी और नक्सली को दिया गया है यह तभी खुलासा होगा जब राजकिशोर राय की गिरफ्तारी होगी. इसके अलावा वह अब तक जितने लोगों को इस तरह से अवैध रूप से हथियार सप्लाइ किया था, उनकी गिरफ्तारी संभव हो पायेगी.
हथियार तस्कर सरगना राजकिशोर राय उर्फ माटो राय को पुलिस ढूंढ निकालेगी. सरगना की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस की स्पेशल टीम के साथ गुरुवार को उसके घर सहित संभावित ठिकानों पर छापेमारी की. जल्द ही हथियार तस्कर सरगना को सलाखों के पीछे भेजा जायेगा.
राजन कुमार सिन्हा, एसडीपीओ, गोगरी
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