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23 साल में पूरी नहीं हुई जांच

डिग्री अमान्य . फिर भी कई शिक्षकों को दे दी गयी प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति बिहार सरकार कहती है कि शिक्षा विशारद् की डिग्री नौकरी के लिए अमान्य है. इसके बावजूद 1994 में इसी डिग्री पर जिले में बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई की बजाय प्रोन्नति देकर प्रधानाध्यापक बना दिया गया. खगड़िया : शिक्षा विशारद् डिग्री पर […]

डिग्री अमान्य . फिर भी कई शिक्षकों को दे दी गयी प्रधानाध्यापक में प्रोन्नति

बिहार सरकार कहती है कि शिक्षा विशारद् की डिग्री नौकरी के लिए अमान्य है. इसके बावजूद 1994 में इसी डिग्री पर जिले में बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई की बजाय प्रोन्नति देकर प्रधानाध्यापक बना दिया गया.
खगड़िया : शिक्षा विशारद् डिग्री पर जिले में बहाल 20 में से एक शिक्षक की मौत हो गयी लेकिन 23 बरस से शिक्षा विभाग की जांच व कार्रवाई पूरी नहीं हो पायी है. लिहाजा, अमान्य डिग्री पर बहाल 19 शिक्षक मजे से स्कूल में काबिज हैं और मजे से वेतन उठा रहे हैं. सबसे ताज्जुब की बात यह है कि सरकार की नजर में अमान्य शिक्षा विशारद् डिग्री पर बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई की बजाय ऐसे शिक्षकों को प्रोन्नति देकर प्रधानाध्यापक बना दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि जब डिग्री ही मान्य नहीं है
तो फिर नौकरी सही कैसे हो सकता है? ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सब कुछ जानते हुए भी इन शिक्षकों को प्रोन्नति देने के पीछे क्या राज हो सकते हैं? जबकि बिहार सरकार शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव के ज्ञापांक 1948 दिनांक 20.11.08 व ज्ञापांक 996 दिनांक 05.08.10, कार्मिक विभाग बिहार पटना, के पत्रांक 2062 दिनांक 29.07.06 के अनुसार शिक्षा विशारद् की डिग्री अमान्य घोषित कर दिया गया है. लेकिन उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना करते हुए शिक्षा विशारद् डिग्रीधारी शिक्षक को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति दे दी गयी है. ऐसे शिक्षकों पर शिकंजा कसने की बजाय शिक्षा विभाग के अधिकारी तरह तरह के बहाने बनाकर कार्रवाई को टालते रहे.
और कितने हैं फर्जी डिग्रीधारी शिक्षक : अभी आर्य कन्या उच्च विद्यालय में फर्जी तरीके से बहाल 56 कर्मियों का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि शिक्षा विशारद् की अमान्य डिग्री पर 19 शिक्षकों के बहाल होने का मुद्दा गरम हो गया है. इधर, करीब 1900 नियोजित शिक्षक के फोल्डर विभाग को नहीं मिल रहे हैं. कयास लगाये जा रहे हैं कि बिना फोल्डर वाले शिक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़ा किया गया है. बता दें कि आर्य कन्या उच्च विद्यालय में पिछले दरवाजे से बहाल 56 कर्मचारियों पर बरखास्तगी की तलवार लटक रही है. वहीं 23 बरस से फाइलों में दबे शिक्षा विशारद्् डिग्री पर बहाल शिक्षकों की मुश्किलें एक बार फिर बढती नजर आ रही है.
ऐसे में सवाल उठता है कि जिले के विद्यालयों में कितने फर्जी शिक्षक अभी भी मौज से नौकरी कर रहे हैं और वेतन उठा रहे हैं. जरुरत हैं जल्द से जल्द जांच पूरी कर फर्जीवाड़े के सहारे बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई करने की तब जाकर सरकारी सरकारी शिक्षा में सुधार का सपना पूरा हो सकता है.
1994 में बहाल शिक्षा विशारद डिग्रीधारी शिक्षकों पर कार्रवाई में कांप रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ
बिहार सरकार की नजर में शिक्षा विशारद की डिग्री अमान्य, खगड़िया में 19 शिक्षक इसी डिग्री पर कर रहे नौकरी
शिक्षा विभाग ने शिक्षा विशारद डिग्रीधारी शिक्षक को प्रधानाध्यापक में दे दी प्रोन्नति
बरसों से फाइलों दबे मामले की जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत बाद खुला गोलमाल का राज
जिला लोक शिकायत निवारण अधिकारी ने 17 अगस्त तक कार्रवाई कर डीइओ से मांगा प्रतिवेदन, मचा हड़कंप
बिहार सरकार द्वारा अमान्य शिक्षा विशारद की डिग्री पर जिले में शिक्षकों की बहाली के 23 बरस बीत गये लेकिन शिक्षा विभाग अभी तक किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच पाया है. शिक्षा माफिया, अधिकारी की मिलीभगत से पूरे मामले को दबाने के पीछे क्या राज है?
दीपक कुमार अकेला, याचिकाकर्ता.
सुनवाई में खुला बहाली में गोलमाल का राज
बरसों बरसे से फाइलों में धूल खा रहे इस मामले में कई स्थानीय अधिकारियों ने हाथ डाला लेकिन बताया जाता है कि जल्दी ही कार्रवाई से हाथ खींच लिया गया. इसके पीछे परदे के पीछे की महिमा बतायी जा रही है. इधर, आरटीआइ कार्यकर्ता दीपक कुमार अकेला द्वारा पूरे मामले में जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में शिकायत पर सुनवाई करते हुए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि जब शिक्षा विशारद् की डिग्री अगर अमान्य है
तो इस डिग्री पर बहाल शिक्षकों जायज कैसे माना जा सकता है. उन्होंने डीइओ नियमानुसार कार्रवाई कर आगामी 17 अगस्त तक प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है. पूरे मामले में प्रशासन के रुख से शिक्षा विशारद् डिग्रीधारी शिक्षकों में एक बार फिर हड़कंप मच गया है. इधर, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कड़े रुख से शिक्षा विशारद् डिग्रीधारी शिक्षकों पर कार्रवाई की प्रबल संभावना जतायी जा रही है.

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