कटिहार : भले ही राज्य सरकार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जिले में प्रारंभिक शिक्षा की तरह माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षा भी भगवान भरोसे हैं. राज्य सरकार ने अपने संकल्प के तहत कटिहार जिले में 23 मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उसे उच्च माध्यमिक विद्यालय बना तो दिया,
लेकिन पहले से 85 उत्क्रमित उच्च विद्यालय आज तक अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. आधारभूत संरचना व शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. जबकि आर्थिक रूप से संपन्न छात्र-छात्रा कोचिंग व ट्यूशन के जरिये अपना कोर्स पूरा करने में जुटे हुए हैं.
दूसरी तरफ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस बार यह आदेश दिया है कि मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं में से जिनकी पढ़ाई कमजोर होगी, उनके लिये विद्यालय स्तर विशेष कक्षा आयोजित की जायेगी. हालांकि विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से ही छात्र-छात्राओं का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो रहा है,
तो विशेष कक्षा आयोजित कर पाठ्यक्रम पूरा कराने की बात कैसे संभव है. शिक्षाविदों के बीच भी इस तरह के सरकारी आदेश को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है. जिले में करीब दो दर्जन से अधिक ऐसे माध्यमिक विद्यालय हैं, जो बगैर शिक्षक के चल रहे हैं. ऐसे विद्यालय में शिक्षा की क्या स्थिति होगी, इसका सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है. कटिहार जिले में कुल 143 माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक सरकारी विद्यालय हैं. इसमें से 85 उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं.
जबकि शैक्षणिक सत्र 2016-17 के लिए 23 मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय का दर्जा है. प्रभात खबर ने माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थिति को लेकर गहन पड़ताल की है. प्रस्तुत है यह रिपोर्ट. 85 विद्यालय में मात्र 81 शिक्षकसबसे खराब स्थिति उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय की है. वर्ष 2011 से 2014 तक जिले में कुल 85 पंचायतों में मध्य विद्यालय को उत्क्रमित करते हुए उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया, लेकिन 85 विद्यालयों में मात्र 81 शिक्षक ही पदस्थापित हैं.
जबकि छात्र-शिक्षक अनुपात व विषयवार शिक्षक की कमी से शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. ऐसे विद्यालय के नौवीं व दसवीं वर्ग के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई भगवान भरोसे है. हालांकि इन विद्यालयों के आर्थिक रूप से संपन्न छात्र-छात्रा तो अपना कोर्स पूरा कराने के लिए कोचिंग व ट्यूशन ले रहे हैं,
जबकि अधिकांश छात्र-छात्रा परेशान हैं. बगैर शिक्षक के हैं कई माध्यमिक विद्यालयजिले में दो दर्जन से अधिक माध्यमिक विद्यालय ऐसे हैं, जो बगैर शिक्षक के चल रहे हैं. ऐसे विद्यालय में हर कार्य दिवस में छात्र-छात्राएं आती हैं तथा प्रार्थना में शामिल होने के बाद उपस्थिति दर्ज करा कर लौट जाती हैं. शिक्षक विहीन ऐसे विद्यालय के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. कई बार शिक्षक विहीन ऐसे विद्यालय के छात्र -छात्राओं व अभिभावकों ने डीएम व डीइओ से विद्यालय में शिक्षक देने की गुहार लगायी है,
लेकिन आश्वासन के बाद भी आज तक ऐसे विद्यालय में शिक्षक नहीं पहुंचे हैं. डीएम के आश्वासन के बाद भी नहीं मिला शिक्षकडंडखोरा प्रखंड के द्वाशय पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय द्वाशय के छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने चार माह पूर्व तत्कालीन जिला पदाधिकारी प्रकाश कुमार से जनता दरबार में मिल कर विद्यालय में शिक्षक देने की गुहार लगायी थी. उस समय डीएम ने जनता दरबार में उपस्थित डीइओ श्रीराम सिंह को दो दिन के भीतर विद्यालय में शिक्षक देने का आदेश दिया था, लेकिन आज तक विद्यालय में शिक्षक नहीं पहुंचे.
स्थानीय निवासी सुबोध विश्वास ने कहा कि डीएम के आश्वासन मिलने के बाद भी शिक्षक का पदस्थापन नहीं होने से लोगों में आक्रोश है तथा धरना-प्रदर्शन की तैयारी चल रही है. 36853 छात्र-छात्राएं देंगे मैट्रिक की परीक्षाइस लचर शैक्षणिक व्यवस्था के बीच कटिहार जिले से करीब 36853 छात्र-छात्रा मैट्रिक परीक्षा 2016 में सम्मिलित होंगे.
इसमें 19453 छात्र व 17440 छात्राएं हैं. इसी तरह जिले से करीब 22559 छात्र-छात्राएं इंटर परीक्षा 2016 में शामिल होंगे. इसमें 13915 छात्र व 8644 छात्राएं हैं. कहते हैं प्रभारी डीइओप्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेंद्र नारायण साह ने कहा कि शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया जिला परिषद के द्वारा चल रही है. नियोजन प्रक्रिया पूरी होने पर विद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जायेगी.