Kaimur News : मर जायेंगे, पर बिना उचित मुआवजे के एक इंच एक्सप्रेसवे का नहीं होने देंगे निर्माण
बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित की जा रही जमीन के मालिकों को एक समान मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा भभुआ समाहरणालय में उग्र प्रदर्शन किया गया.
भभुआ कार्यालय. बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे में अधिग्रहित की जा रही जमीन के मालिकों को एक समान मुआवजा नहीं दिये जाने को लेकर सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा भभुआ समाहरणालय में उग्र प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों ने कहा कि अब हम लोगों ने यह संकल्प ले लिया है कि जब तक सभी किसानों को एक समान दर से मुआवजा का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक वह अपनी एक इंच जमीन एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए नहीं देंगे. इसके लिए भले ही वह मर जायेंगे, लेकिन अपनी एक इंच जमीन एक्सप्रेस में निर्माण के लिए नहीं देंगे. इसी मांग को लेकर सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा के सैकड़ों लोग सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए समाहरणालय परिसर के अंदर घुस गये. आमतौर पर जब कभी भी धरना या प्रदर्शन होता है तब उन्हें समाहरणालय के मुख्य द्वार पर रोक दिया जाता है. लेकिन, सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा के लोग नारेबाजी करते हुए समाहरणालय परिसर के अंदर घुसकर डीएम कार्यालय के मुख्य द्वार पर जहां गाड़ी के लिए पोर्टिको है वहां तक पहुंच गये और वहां पर उनके द्वारा प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. = आसपास जमीन है और मुआवजे में एक करोड़ का अंतर किसान नेता अभिमन्यु सिंह ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि जमीन मालिकों को जो मुआवजा भुगतान किया जा रहा है, उसमें काफी असमानता है. बेतरी और सीवों मैं जमीन मालिकों को एक करोड़ 30 लाख प्रति एकड़ की दर से मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है, वहीं बगल में चैनपुर प्रखंड के सिहोरा में जमीन मालिकों को 18 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है, जबकि दोनों जमीन एक किस्म की है और अगल-बगल में है, ऐसे में मुआवजा में इतना भारी अंतर होना किसानों के साथ घोर अन्याय है. हमारी यह मांग है कि कैमूर जिले में 93 मौज में जमीन अधिग्रहण किया जाना है, ऐसे में सभी 93 मौजा के जमीन मालिकों को एक जिला में एक परियोजना में एक ही दर से मुआवजा दिया जाये, अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वह अपनी एक इंच जमीन भी एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए नहीं देंगे. = किसानों को आपस में तोड़ने की हो रही है साजिश प्रदर्शन में शामिल किसान नेता विमलेश पांडे ने कहा कि अलग-अलग मौज में अलग-अलग दर से मुआवजा का भुगतान कर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और हम किसानों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे, यह करके प्रशासन और सरकार किसानों को तोड़ने की साजिश कर रही है. हमारा स्पष्ट मांग और संकल्प लिया है कि जब तक व्यावसायिक, आवासीय व कृषि योग्य जमीन का अलग-अलग वर्गीकरण कर पूरे जिले में एक समान मुआवजा का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक हम एक इंच जमीन एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए नहीं देंगे. इसके लिए भले हमारी जान चली जाये, लेकिन हम किसी भी स्थिति में अपनी जमीन पर एक्सप्रेसवे निर्माण का कार्य नहीं होने देंगे = मुआवजे को लेकर पहले ही काम रुकवा चुके हैं किसान मुआवजे में विलंब को लेकर 15 दिन पहले ही जमीन मालिक द्वारा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य रुकवा दिया गया है. निर्माण एजेंसी द्वारा अधिग्रहित की गयी जमीन की साफ सफाई के साथ-साथ दोनों तरफ नल का निर्माण समतलीकरण का काम शुरू किया गया था, लेकिन जिन जमीन मालिकों की जमीन पर काम शुरू किया गया, उनके खाते में जमीन का मुआवजा नहीं आया था. इसे लेकर उनके द्वारा काम रुकवा दिया गया था और अभी एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य ठप है. = पांच गांव में निर्माण एजेंसी ने शुरू किया गया था काम बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का कैमूर जिले में निर्माण कार्य में लगी पीएनसी कंपनी द्वारा भभुआ प्रखंड के पांच गांव में काम शुरू किया गया था, जिन पांच गांव में काम शुरू हुआ था वह गांव बेतरी, गोड़हन, ढ़ड़निया, दुमदुम और सींवो है. उक्त गांव में निर्माण एजेंसी द्वारा रूट लाइनिंग जमीन की सफाई व अधिग्रहित किये गये 70 मीटर चौड़े जमीन के दोनों तरफ नाला बनाने का काम शुरू किया गया था. लेकिन इसी बीच मुआवजा मिलने में हो रहे विलंब के कारण उक्त काम को जमीन मालिकों द्वारा रुकवा दिया गया है. =जिले में 52 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे बनारस से रांची होते कोलकाता तक जायेगी, इसकी कुल लंबाई 610 किलोमीटर है. कैमूर जिले में यह सड़क 52 किलोमीटर लंबी होगी. यह जिले के चांद, चैनपुर, भगवानपुर, भभुआ और रामपुर से होकर गुजरेगी. कैमूर जिले में 52 किलोमीटर की एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए तीन पैकेज बनाये गये. पहले पैकेज में चांद प्रखंड का पांच किलोमीटर आता है. दूसरे पैकेज में चांद, चैनपुर व भभुआ प्रखंड का 27 किलोमीटर आता है. तीसरे पैकेज में भगवानपुर व रामपुर प्रखंड का 20 किलोमीटर आता है, अभी पैकेज दो यानी चंद, चैनपुर व भभुआ में 27 किलोमीटर में काम करने वाली कंपनी पीएनसी द्वारा भभुआ प्रखंड के पांच गांव में काम शुरू किया गया था. पैकेज दो में 27 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 810 करोड़ रुपये की प्रस्तावित राशि है. बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के लिए कैमूर जिले में 619 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. कैमूर में कुल 72 मौजा के 2948 जमीन मालिकों से जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. = किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों ने सौंपा ज्ञापन समाहरणालय में प्रदर्शन करने वाले किसान संघर्ष मोर्चा के लोगों द्वारा सोमवार को डीएम के कार्यालय में नहीं रहने के कारण उप विकास आयुक्त सूर्य प्रताप सिंह से मिलकर अपनी मांग का ज्ञापन सौंपा गया और कहा गया कि जब तक उनके मांग को पूरा नहीं की जाती है, तब तक वह अपनी जमीन पर एक्सप्रेसवे निर्माण का कार्य नहीं होने देंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
