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एचएम के उपस्थिति विवरणी दिये बिना ही शिक्षकों को वेतन का कर दिया भुगतान

उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बघिनी का है, जहां प्रधानाध्यापक ने फरवरी, मार्च व अप्रैल 2024 का अपसेंटी जिला कार्यालय को उपलब्ध नहीं करायी, इसके बावजूद वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर दिया गया है.

मोहनिया सदर. शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने प्रधानाध्यापक के अपसेंटी (अनुपस्थिति पंजी) दिये बगैर ही शिक्षकों को तीन माह के वेतन का भुगतान कर नियमों की अनदेखी का मामला सामना आया है. ताजा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बघिनी का है, जहां प्रधानाध्यापक ने फरवरी, मार्च व अप्रैल 2024 का अपसेंटी जिला कार्यालय को उपलब्ध नहीं करायी, इसके बावजूद वरीय पदाधिकारियों द्वारा सभी शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर दिया गया है. जबकि, नियमत: उन्हीं शिक्षकों को वेतन का भुगतान करना होता है, जिनका अपसेंटी उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा कार्यालय को भेजा जाता है, क्योंकि शिक्षक कितने दिन अवकाश पर रहे और कितने दिन उपस्थित हुए या कितने दिन अनुपस्थित रहे इसकी जानकारी पदाधिकारियों को नहीं होती, बल्कि उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक को होती है, जहां प्रधानाध्यापक द्वारा विभाग को जमा कराये गये शिक्षकों के अपसेंटी के आधार पर ही वेतन भुगतान किया जाता है. लेकिन यहां सभी नियमों को दरकिनार कर वेतन का भुगतान कर दिया गया, जो एक गंभीर मामला है. हालांकि, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का यह कोई नया कारनामा नहीं है, पूर्व में भी कई तरह के हैरतअंगेज कारनामों के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने काफी नाम कमाया है. उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बघिनी के कुछ शिक्षकों ने देर से विद्यालय आना व समय से पहले विद्यालय से चले जाना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया था, जो मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने इस पर अंकुश लगाने की कोशिश की, तो कुछ शिक्षकों ने जनवरी 2024 में जबरन प्रधानाध्यापक से उपस्थिति पंजी छीन कर अपने विद्यालय कक्ष में रख लिया गया. इस तरह दोनों के बीच खींचातानी में एक दिन प्रधानाध्यापक उपस्थिति पंजी अपने पास रख लिये, इस तरह जनवरी 2024 की उपस्थिति विवरणी बना कर प्रधानाध्यापक द्वारा जिला को भेज दिया गया, जिससे शिक्षकों का वेतन भुगतान किया गया. दो फरवरी को बीआरपी प्रेमचंद्र पांडेय ने विद्यालय पहुंच कर इस मामले पर बैठक की व उपस्थिति पंजी शिक्षकों को देने का मौखिक आदेश प्रधानाध्यापक को दिया गया. इसके बाद प्रधानाध्यापक काशी प्रसाद ने इसका पालन करते हुए उपस्थिति पंजी शिक्षकों को सौंप दिया तथा उपस्थिति देना बंद कर दिया और प्रधानाध्यापक द्वारा फरवरी, मार्च व अप्रैल माह का अपसेंटी नहीं दिया गया. जबकि, इसके बावजूद शिक्षकों को वेतन भुगतान कर दिया गया. इस पूरे मामले की लिखित शिकायत प्रधानाध्यापक द्वारा फरवरी महीने में ही सभी वरीय पदाधिकारियों से की गयी है. # मातृत्व अवकाश पर रहीं शिक्षिका को भी भुगतान विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका निधि कुमारी विगत वर्ष की पहली दिसंबर से ही मातृत्व अवकाश पर है, फिर भी जिला में बैठे लिपिक व पदाधिकारियों की शिथिलता की वजह से दिसंबर 2023 का भुगतान शिक्षिका को किया गया है. ऐसा सिर्फ बघिनी विद्यालय में ही नहीं बल्कि जिले में संचालित कई विद्यालयों की वैसी शिक्षिकाओं को वेतन भुगतान किया गया है. विभागीय जानकारों की माने तो यदि कोई महिला शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर जाती है, तो जब वह छह महीने बाद अवकाश से वापस लौटकर विद्यालय में ज्वाइन करने के बाद ही उसे मातृत्व अवकाश के वेतन का भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन यहां मातृत्व अवकाश पर जाते ही उस माह का भी वेतन भुगतान कर दिया गया है, जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. # वरीय शिक्षिका को प्रभारी प्रधानाध्यापिका बनाने से पहले कर दिया गया भुगतान इधर, आठ मई 2024 को जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा पत्र जारी करते हुए विद्यालय में पदस्थापित वरीय शिक्षिका सुनीता कुमारी को विद्यालय से संबंधित शैक्षणिक कार्यों के निष्पादन के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापिका प्राधिकृत किया गया है. मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक को जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि उच्च विद्यालय से संबंधित सभी अभिलेखों को वर्गीय शिक्षिका सुनीता कुमारी को हस्तगत कराना सुनिश्चित करेंगे. मध्य व माध्यमिक विद्यालय का वित्तीय कार्य मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा संपादित किया जायेगा, उच्च विद्यालय का शैक्षणिक कार्य जिला परिषद वरीय शिक्षिका सुनीता कुमारी द्वारा निष्पादित किया जायेगा. माध्यमिक विद्यालय में नामांकन, पंजीयन, फॉर्म भरने आदि से संबंधित सभी कार्य व सभी अभिलेखों का संधारण उच्च विद्यालय के वरीय शिक्षक द्वारा किया जायेगा. उच्च विद्यालय के खातों का संचालन मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक व माध्यमिक विद्यालय के वरीय शिक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा. यदि इस पत्र का अवलोकन किया जाये तो ऐसा पहली बार हुआ है जब उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थायी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति नहीं होने पर मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक के रहने के बावजूद प्रभारी प्रधानाध्यापिका के रूप में सुनीता कुमारी को प्राधिकृत किया गया है, ऐसा जिले के अन्य किसी विद्यालयों में नहीं किया गया है. सुनीता कुमारी को प्रभारी प्रधानाध्यापिका प्राधिकृत करने से पूर्व ही बिना उपस्थिति विवरण के शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर दिया गया है. # प्रधानाध्यापक व वरीय अधिकारियों में ठनी उक्त शिक्षकों द्वारा विद्यालय व्यवस्था को प्रभावित करने व छात्रहित से खिलवाड़ करने सहित इससे संबंधित कई मामलों को लेकर प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी को फरवरी 2024 में ही लिखित आवेदन दिया गया है. लेकिन अधिकारियों व इन शिक्षकों की गोटी सेट होने के कारण ही अधिकारियों द्वारा बिना उपस्थिति विवरणी विद्यालय से प्राप्त किये ही तीन माह के वेतन का भुगतान अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को कर दिया गया है. इतना ही नहीं इस पूरे मामले में मौखिक रूप से प्रधानाध्यापक पर दबाव भी बनाया जा रहा है, जिसको लेकर प्रधानाध्यापक ने भी तय कर लिया है कि जैसे ही उनके खिलाफ पदाधिकारी लिखित कार्रवाई करते हैं, वह न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे. # बोले प्रधानाध्यापक इस संबंध में प्रधानाध्यापक काशी प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों द्वारा मुझसे उपस्थिति पंजी छीन लिये जाने के बाद मेरे द्वारा फरवरी, मार्च, व अप्रैल माह का उपस्थिति विवरणी जिला को नहीं भेजा गया है. इसके बावजूद पदाधिकारी द्वारा शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर दिया गया है. पदाधिकारी इन मामलों का समाधान करने की बजाय उन शिक्षकों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो विद्यालय की विधि व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते है. हम पर मौखिक दबाव बनाया जा रहा है. कुछ पदाधिकारी मौखिक रूप से हमें सस्पेंड करने की धमकी दे रहे हैं, जिस दिन लिखित रूप से मेरे साथ ऐसा किया गया, मैं माननीय हाई कोर्ट में केस दायर करूंगा. # बोले डीपीओ स्थापना इस संबंध में जब डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता से पूछा गया कि क्या प्रधानाध्यापक द्वारा बिना उपस्थिति पंजी कार्यालय को उपलब्ध कराये ही शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जा सकता है, तो उन्होंने कहा नहीं, शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए उपस्थिति विवरणी का आना जरूरी है. लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय बघिनी के प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति विवरणी कार्यालय को भेजी ही नहीं गयी है तो फिर भुगतान कैसे किया गया, तो उनके द्वारा कहा गया कि वहां के प्रधानाध्यापक द्वारा उपस्थिति कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है. साथ ही वहां की वरीय शिक्षिका को प्रभारी प्रधानाध्यापिका बनाया गया है.

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