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मानवाधिकार युवा संगठन निकला फर्जी
संगठन पर केंद्र सरकार के सिंबल का दुरुपयोग कर युवकों को फर्जी नौकरी देने का आरोप हुआ सिद्ध संगठन पूरे बिहार-झारखंड में कन्या विवाह में सहायता करने के नाम पर कर रहा था जालसाजी फर्जीवाड़े से बचे युवकों से संबंधित प्रभात खबर में छपी खबर पर एसपी ने लिया था संज्ञान भभुआ सदर. बिहार-झारखंड में […]
संगठन पर केंद्र सरकार के सिंबल का दुरुपयोग कर युवकों को फर्जी नौकरी देने का आरोप हुआ सिद्ध
संगठन पूरे बिहार-झारखंड में कन्या विवाह में सहायता करने के नाम पर कर रहा था जालसाजी
फर्जीवाड़े से बचे युवकों से संबंधित प्रभात खबर में छपी खबर पर एसपी ने लिया था संज्ञान
भभुआ सदर. बिहार-झारखंड में चलनेवाली मानवाधिकार युवा संगठन नामक संस्था पर युवकों को नौकरी देने के नाम पर पैसा उगाही व कन्या विवाह जैसे संवेदनशील उद्देश्य पर जालसाजी का मामला जांच के क्रम में सत्य पाया गया है.
पुलिस द्वारा इस मामले में संगठन के बिहार-झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष निराला सिंह, जिला संयोजक जितेंद्र सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना सिंह सहित अन्य पर नगर थाने में मामला दर्ज कराया है. इसमें इनके द्वारा भोले-भाले लोगों को नौकरी देने के नाम पर ठगने और कन्या विवाह में सहायता जैसे संवेदनशील विषय को उठा कर जालसाजी कर गलत ढंग से दोनों राज्यों में पैसे वसूल करने का आरोप है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, अब तक इस संगठन के लोगों द्वारा बिहार-झारखंड में नौकरी व कन्या विवाह में चंदे देने के नाम पर लाखों रुपये की वसूली की जा चुकी है.
प्रभात खबर ने छापी थी फर्जीवाड़े की खबर.गौरतलब है कि प्रभात खबर द्वारा आठ सितंबर को फर्जीवाड़े से बचे युवक नाम से खबर छापी गयी थी. इसमें मानवाधिकार युवा संगठन द्वारा फर्जीवाड़ा कर युवकों को नौकरी देने का झांसा देने का जिक्र था.
खबर पर और इस संगठन के फर्जीवाड़े से बचे भगवानपुर ओरगाई के विजेंद्र कुमार द्वारा की गयी पुलिस में शिकायत पर एसपी हरप्रीत कौर द्वारा संज्ञान लिया गया और इस मामले की गहन जांच और फर्जीवाड़े करनेवाले संगठन का पता लगाने की जांच अवर निरीक्षक और वर्तमान में चांद थानाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय को सौंपी थी. आय के स्रोत का पता लगाते हुए संगठन के पदाधिकारियों को फर्जीवाड़े और जालसाजी में लिप्त पाते हुई इसकी जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दी गयी थी. एसपी के निर्देश पर नगर थाना द्वारा मामले को दर्ज कर लिया गया है.
नौकरी देने के नाम पर हो रही थी ठगी .गौरतलब है कि भगवानपुर के ओरगांई निवासी विजेंद्र कुमार सिंह ने नगर थाने में आवेदन के माध्यम से बताया था कि कुछ दिन पूर्व उसके गांव में रामपुर टोला कुदरा के शैलेश कुमार सिंह आया और मानवाधिकार युवा संगठन में अपने को जिला संयोजक बता उनसे उस संगठन में सात हजार से लेकर 12 हजार तक की मासिक तनख्वाह पर नौकरी लगा देने की बात कहते हुए उसके साथ अन्य दोस्तों को भी भभुआ में छह सितंबर को होनेवाले संगठन कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर आने को कहा. बेरोजगार युवक नौकरी लगा देने के नाम पर तत्कालिक तौर पर तो झांसे में आ गये लेकिन, छह सितंबर को भभुआ देवी मंदिर रोड में जब पहुंचे युवकों से नौकरी के नाम पर 25 सौ रुपये की मांग की गयी तो इन युवकों का माथा ठनका और इसकी शिकायत पुलिस में कर दी.
केंद्र सरकार के लोगो का कर रहा था दुरुपयोग.मानवाधिकार युवा संगठन नामक संस्था की जांच के क्रम में पुलिस द्वारा संगठन को भारत सरकार का लोगो (अशोक स्तंभ) का भी गलत उपयोग का दोषी पाया है. जांच रिपोर्ट में अधिकारी द्वारा बताया गया है कि संस्था का तो रजिस्ट्रेशन था लेकिन, संस्था के अधिकारियों द्वारा नौकरी देने और कन्या विवाह के नाम पर दर्शाये गये पांच सौ की जगह मनमाने पैसे लिये जाने का मामला भी जगजाहिर हो चुका है.
जांच अधिकारी अनिल कुमार पांडेय ने माना कि संस्था निबंधन अधिनियम 1860 के तहत इस संस्था को अपना स्मृति पत्र(उद्देश्य व कार्यकारिणी समिति) तथा उक्त नियमावली में निर्दिष्ट बिंदुओं पर कार्य उद्देश्य, जिसमें कन्या विवाह के लिए सहायता का कोई उल्लेख नहीं करते हुए चंद्र के तौर पर उगाही के लिए संस्था द्वारा रसीद छपवा कर बिहार और झारखंड के लोगों से पैसे की उगाही की जा रही थी.
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