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आचार संहिता खत्म, पर अब तक नहीं बंटे डस्टबीन

मोहनिया (सदर) : नगर पंचायत के अंतर्गत रहनेवाले लोगों के के लिए मंगवाये गये सात सौ डस्टबीन पिछले तीन माह से नगर पंचायत के कार्यालय परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं. सितंबर माह में ही आठ लाख 75 हजार की लागत से नगर पंचायत द्वारा 700 डस्टबीन मंगवाये गये थे. इन्हें प्रथम चरण में उन […]

मोहनिया (सदर) : नगर पंचायत के अंतर्गत रहनेवाले लोगों के के लिए मंगवाये गये सात सौ डस्टबीन पिछले तीन माह से नगर पंचायत के कार्यालय परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं. सितंबर माह में ही आठ लाख 75 हजार की लागत से नगर पंचायत द्वारा 700 डस्टबीन मंगवाये गये थे.

इन्हें प्रथम चरण में उन लोगों के बीच देना था जो 100 रुपये वार्षिक होल्डिंग टैक्स देते हैं, ताकि वे अपने घरों का कूड़ा व कचरा सड़कों पर न डाल कर अपने घर में रखे डस्टबीन में ही डालें. इस कचरे का उठाव प्रतिदिन सफाई कर्मी घर-घर जा कर करेंगे. कूड़े के उठाव के लिए आठ लाख 48 हजार की लागत से 32 ठेले भी खरीदे गये हैं. नगर पंचायत के शिथिल रवैये का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. नगर पंचायत में कुल 5613 होल्डिंग हैं. विभाग द्वारा अभी शेष 32 सौ होल्डिंग के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कवायद चल रही है.

नगर पंचायत की इस पहल से लोगों में खुशी की लहर थी. डस्टबीन हर घर में उपलब्ध होने पर लोग अपने घरों का कूड़ा व कचरा सड़कों पर न फेंक कर डस्टबीन में रखेंगे. इससे उनके घर के सामने की सड़क भी साफ सुथरी रहेगी. लेकिन, नगर पंचायत तो मोहनिया को स्वच्छ रखने में आगे बढ़ने की बजाय पीछे ही रह गयी. डस्टबीन आने के बाद नगर पंचायत ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इसका वितरण नहीं किया.
अब तो चुनाव क्या, सरकार का भी गठन भी हो गया. फिर भी नगर पंचायत डस्टबीन वितरण करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रही है. यहां आलम यह है कि नगर पंचायत के वार्ड संख्या सात स्टूवरगंज में घर के सामने सड़क पर कूड़ा कचरा फेंकने को लेकर लगभग चार माह पूर्व दो पड़ोसियों के बीच जम कर ईंट, पत्थर व लाठियां चली थी जिसमें दोनों पक्षों के लोग घायल भी हुए थे. फिर भी इस घटना से नगर पंचायत ने कोई सीख नहीं ली और आज तक डस्टबीन को लोगों के बीच वितरण कराने की बजाय रखे हुए हैं.
विभागीय पेच में उलझ गया डस्टबीन वितरण : नगर पंचायत द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि प्रथम चरण में डस्टबीन उन्हीं होल्डिंग टैक्स देनेवालों को दिया जायेगा, जो एक सौ रुपये वार्षिक होल्डिंग टैक्स देते हैं. लेकिन विभाग द्वारा अब निर्देश जारी कर दिया गया है कि पहले चरण में कॉमर्शियल स्थानों पर डस्टबीन देना है.
इनमें बड़े होटल व दुकानें आदि शामिल हैं.अब नगर पंचायत के सामने यह भी समस्या है कि जब होटलों व दुकानों से उन्हें टैक्स ही नहीं मिलता है, तो उन्हें डस्टबीन क्यों दें. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए टेंडर निकालने के लिए भी लिखा गया है. उम्मीद है कि 22 दिसंबर तक टेंडर हो जायेगा.

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