मोहनिया (कैमूर) : धान का कटोरा कहे जाने वाले कैमूर जिले में इस बार सूखा पड़ता दिख रहा है. किसानों को फसल बचाने के लिए सिंचाई की चिंता है. नहरों में पानी नहीं है और बिजली भी नदारद है. हाल यह कि मोहनिया ग्रिड को 20 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, लेकिन 10 मेगावाट ही मिल रही है.
इस संबंध में किसान रणविजय सिंह, मोहन सिंह, गोरख सिंह, अरविंद सिंह ने बताया कि बिजली बिल हर महीने आ रहा है, लेकिन बिजली सिर्फ आठ घंटे ही रहती है. वोल्टेज भी कम रह रहा है. किसान व उपभोक्ता जेनेरेटर का सहारा लेने को विवश हैं. इस संबंध में एसडीओ ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार बिजली नहीं मिलने से दो– तीन फीडर बंद कर के तालमेल से बिजली आपूर्ति की जा रही है.