जहानाबाद : सूबे के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि ऐसे तो जिले का कोना-कोना बाढ़ की तबाही का दंश झेल रहा है. मगर मखदुमपुर में बाढ़ की तबाही कुछ ज्यादा ही विकराल है. जहां राहत के नाम पर सुस्ती दिखा रही सरकार. कई गांवों का संपर्क भंग है तो कहीं गांव जाने के लिए लोगों को कपड़े उतारने पड़ रहे हैं. राहत के नाम पर जहां-तहां कैंप लगाया जा रहा है.
जरूरतमंदों को नहीं मिल रही राहत. और तो और मखदुमपुर नगर पंचायत के शेखपुरा गांव की महिलाएं भूखी हैं. दर्जनों महिलाओं ने अपनी दर्द भरी दास्तान सुनाते हुए कहा कि हुजूर ! कई दिनों से हमलोग भूखे हैं. न खाने का ठिकाना, न शौचालय की व्यवस्था, नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं हमलोग. मखदुमपुर शहरी क्षेत्र के वार्ड नंबर सात में पक्के मकानों के ऊपर पानी जमा है. लोगों ने कहा की वर्षों से अतिक्रमित है नाला, नाले की सफाई नहीं होने से जलजमाव की स्थिति और विकराल हो गयी है. सफाई होते ही सैकड़ों घरों से पानी का निकास हो जायेगा.
वहीं कचनामा में बने बांध पर भी सवाल खड़ा करते हुए मांझी ने कहा की जब भी हल्की बारिश के साथ नदी में पानी की धार आती है तो बांध का स्लूइस गेट टूट जाता है. अगर बांध को दो फुट ऊंचा कर दिया जाये तो समस्या दूर हो जायेगी. इसके लिए हम प्रशासन से भी बात करेंगे. टेहटा के कई टोले जलमग्न हैं. मिट्टी के बने कई घर ध्वस्त हो गये हैं, जिन्हें राहत की जरूरत है. प्रशासन सर्वे करा कर वैसे लोगों को राहत पहुंचाये जिन्हें बाढ़ ने तबाह कर दिया. कई लोग दूसरे के टोले में शरण लिए हुए हैं. अकौना गांव भी पूरी तरह प्रभावित है. प्रेस वार्ता में राजग गंठबंधन के वीरेंद्र सिंह, प्रवीण कुमार, पंपी सिंह, चुन्नु शर्मा एवं अश्विनी शर्मा समेत कई लोग मौजूद थे.