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30 हजार में हुआ था जान का सौदा
पप्पू शर्मा के गुर्गे ने मारी थी जिला पार्षद उपाध्याय यादव को गोली, पकड़ा गया हमलावर चंद रुपयों की खातिर माले नेता पर हमला करने वाला शूटर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. माले के नेता सह जिला पार्षद उपाध्याय यादव पर हुए जानलेवा हमले का षड्यंत्र रचने वाला जेल में बंद सेंधवा गांव निवासी पप्पू […]
पप्पू शर्मा के गुर्गे ने मारी थी जिला पार्षद उपाध्याय यादव को गोली, पकड़ा गया हमलावर
चंद रुपयों की खातिर माले नेता पर हमला करने वाला शूटर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. माले के नेता सह जिला पार्षद उपाध्याय यादव पर हुए जानलेवा हमले का षड्यंत्र रचने वाला जेल में बंद सेंधवा गांव निवासी पप्पू शर्मा निकला.
उसने अपने गुर्गो को सुपारी देकर उपाध्याय पर हमला करवाया था. करीब 10-12 दिनों पहले जेल से ही षड्यंत्र रचा गया. रेकी के बाद गुर्गो ने दो मई को शहर के एक पेट्रोल पंप पर उपाध्याय यादव पर पांच गोलियां दागी थी, जिसमें तीन गोलियां लगी. वहीं, गोलीबारी में पेट्रोल पंप का एक सेल्समैन भी घायल हो गया था.
जहानाबाद : दो मई की दोपहर शहर के लालबाबू पेट्रोल पंप पर माले नेता उपाध्याय यादव पर गोलियों की बौछार कर उसे घायल करने वाला शूटर नगर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़ गया. घटना की बिसात जहानाबाद मंडल कारा से रची गयी थी. जेल में बंद कुख्यात पप्पू शर्मा ने गुर्गो की मदद से माले नेता पर हमला करवाया था. मगर इस गोलीबारी में घायल उपाध्याय अभी भी पीएमसीएच में इलाजरत हैं. पकड़े गये शूटर गिन्जी गांव निवासी गौरव उर्फ गिरिजेश है.
उसने एसपी के समक्ष स्वीकार किया है कि उसने ही उपाध्याय पर पांच गोलियां दागी थी. हालांकि एसपी ने मामले के उद्भेदन के लिए कई थानों की पुलिस की अलग-अलग टीमें बना रखी थीं, जिससे मामले का उद्भेदन हो सका. नगर थानाध्यक्ष नागेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने शूटर को शहर के निजामउद्दीनपुर स्थित किराये के फ्लैट से धर दबोचा.
जब पुलिस की टीम इसे पकड़ने गयी थी, तो गौरव दो मंजिला छत से कूद कर भागना चाहा, मगर पुलिस ने उसे घेर कर दबोच लिया. एसपी आदित्य कुमार ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उपाध्याय पर हुए हमले के बाद काफी तनाव था, जिसे पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया और हमलावरों की पहचान कर दबोचने में कामयाब रही.
साजिशकर्ता पप्पू शर्मा जेल से ही हमले की साजिश रची थी. हमला करने के वक्त काले रंग की नयी अपाची बाइक का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर दो लोग सवार थे. हमले में शामिल एक और शूटर की भी पहचान कर ली गयी है, लेकिन वह फरार हो गया.
वहीं, गिरजेश पकड़ा गया. सूत्रों की माने तो जिस दिन उपाध्याय को गोली मारी गयी थी, उस रात जेल में पप्पू ने जश्न मनाया था. गिरिजेश को पैसों की जरूरत थी, इसलिए पप्पू के ही एक शूटर ने उससे संपर्क कर पप्पू से मिलाया था. महज 30 हजार रुपये की सुपारी लेकर गिरिजेश ने हमला किया था.
राजाबाजार में कर रहे थे इंतजार
उपाध्याय पर हमले के लिए योजना के तहत सहयोगियों के साथ शूटर गिरिजेश उसकी क्रियाकलापों पर नजर रखने लगा. योजना के तहत दो मई को दूसरा शूटर, जिसका नाम पुलिस अभी गुप्त रखी है, वह काले रंग के बैग को पीठ पर टांगे हुए था. उसमें एक पिस्टल एवं देशी कट्टा था. काले रंग की आपाची गाड़ी से मलहचक पानी टंकी के पास शूटर पहुंचा तथा गौरव को फोन कर बुलाया. पप्पू का शूटर और गिरिजेश उर्फ गौरव एक साथ होकर काले रंग
की बिना नंबर की आपाची गाड़ी से राजाबाजार की तरफ गया, जहां उपाध्याय का इंतजार करने लगे. करीब 12:45 बजे उपाध्याय यादव को अकेले पल्सर बाइक से बभना की तरह से आते देखा.
इसके बाद शूटरों ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया. करीब 1:30 बजे जब माले नेता शिवशंकर सिनेमा हॉल के उतर पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने के लिए रुके, तभी गौरव ने ताबड़तोड़
दो गोलियां दाग दीं. फिर पप्पू के दूसरे शूटर ने ताबड़तोड़ तीन गोलियां चलायीं, जिससे उपाध्याय के शरीर में चार गोली लगी थी और वो घायल होकर गिर गये. इसके बाद दूसरे शूटर ने गौरव को कहा अब यह मर जायेगा, यहां से भाग चलो. फिर दोनों बाइक से ही काको मोड़-हाजीपुर हाटी मोड़ होते हुए मखदुमपुर स्टेशन आ गये. वहां से ट्रेन से जहानाबाद पहुंचे.
घटना में लाइनर का काम करने वाले नोआवां गांव निवासी संजीव उर्फ फौजी को भी पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पप्पू ने करीब पांच अन्य लोगों का भी सहयोग इस घटना में लिया है. पुलिस ने यह भी कहा कि गौरव 25 दिसंबर को शहर के टीवीएस शोरूम पर भी तोड़-फोड़ मचाया था, जो कोर्ट हाजत से भाग निकला था.
रिमांड पर लिया गया पप्पू शर्मा
काको जेल में बंद सेंधवा गांव निवासी पप्पू शर्मा ही हमले का सूत्रधार निकला. पुलिस ने कहा कि घायल उपाध्याय ने फर्द बयान में कहा था कि पप्पू शर्मा के गुर्गो ने ही गोली चलायी है.
इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने जब पप्पू की गतिविधियों पर नजर रखने लगी, तो मामले का खुलासा हो गया. जेल में बंद रह कर भी मोबाइल के जरिये पप्पू ने उपाध्याय पर हमले का षड्यंत्र रचा. मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर रख कर पुलिस ने चंद दिनों में ही मामले का खुलासा कर लिया. पुख्ता प्रमाण के आधार पर पुलिस ने पप्पू को फिलहाल रिमांड पर लिया है.
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